लखनऊ। लखनऊ की रहने वाली रेखा शुक्ला पेशे से नर्स हैं। उनको बतौर नर्स काम करते हुये लगभग 18 वर्ष हो चुके हैं। पिछले 12 वर्षों से वह काकोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर स्टाफ नर्स के पद पर काम कर रही हैं।
रेखा को मण्डल स्तर पर सिफ्सा द्वारा व जिला स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने प्रसव के बाद कॉपर टी (पीपीआईयूसीडी) लगवाने के लिये पुरस्कृत किया गया है, यह कहना है चिकित्साधीक्षक डा. दीपक पांडे का।
पति ने दिया साथ
रेखा बताती हैं कि उनके परिवार में पति, 2 लड़कियां व एक लड़का है। वे डॉक्टर बनना चाहती थी व अपने अंकल से बहुत प्रभावित थीं जो कि डॉक्टर थे लेकिन पिता की मृत्यु जल्दी हो गयी। जब वे इंटर में थी तभी मां ने उनकी शादी कर दी। शादी के बाद जब उन्होंने अपने पति को अपनी इच्छा बताई तब उन्होंने उन्हें पहले स्नातक करवाया व उसके बाद जीएनएम की परीक्षा दिलवाई जिसमें चयन भी हो गया। जब प्रशिक्षण के लिए जाना था तब बड़ी बेटी 2 वर्ष व छोटी बेटी एक माह की थी लेकिन पति व परिवार के अन्य सदस्यों के सहयोग से यह प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।
ऐसा रहता है रेखा का प्रयास
रेखा बताती हैं कि गांव में महिलाओं को परिवार नियोजन के लिए समझाना बहुत ही मुश्किल होता है। पहले तो आप मां को समझाइए, फिर उसके पति को और फिर उसकी सास को। यह बहुत समय लेता है लेकिन मैं प्रयास करती रहती हूं। बार-बार परामर्श देती हूं कि परिवार को नियोजित करके आप एक अच्छा जीवन जीएंगे। मेरी कोशिश होती है कि यदि माह में 50 प्रसव कराती हूं तो मैं उनमें से 30-35 महिलाओं को पीपीआईयूसीडी के लिए राजी कर लूं।
445 पीपीआईयूसीडी लगाए
रेखा कहती हैं कि चिकित्साधीक्षक डॉ. दीपक सर के प्रोत्साहन व मार्गदर्शन में मुझे और प्रेरणा मिली है जिससे कि मैं अपने काम में अपना शत प्रतिशत देने का प्रयास कर रही हूं। चिकित्साधीक्षक डा. दीपक पांडे ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में सीएचसी पर कुल 445 पीपीआईयूसीडी लगाए गए जिसमें से 172 पीपीआईयूसीडी अकेले रेखा द्वारा ही लगाए गए।