कैंसर से बचाव के लिए जन जागरुकता जरूरी : स्वाती सिंह
लखनऊ। कैंसर जैसी बीमारी से बचाव के लिए जन जागरुकता जरूरी है। इसके लिए समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को आगे आना होगा। यह बात मेयो मेडिकल सेन्टर द्वारा मंगलवार को आयोजित स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर जन जागरुकता रैली ‘वाकॉथनÓ में मुख्य अतिथि महिला एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री स्वाति सिंह ने कहीं। उन्होंने सुबह आठ बजे लोहिया पार्क चौराहे से हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। रैली में 200 से ज्यादा स्कूली बच्चों ने हिस्सा लिया।
प्रतीक चिन्ह देकर किया सम्मानित
कार्यक्रम की अध्यक्षता मेयो इंस्टीट्रयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की वाइस चेयरमैन डॉ. मधुलिका सिंह ने की। मेयो मेडिकल सेंटर की डायरेक्टर स्निग्धा सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित, डॉ. राहुल सिंह डायरेक्टर मेयो इस्टीट्रयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज मुख्य अतिथि स्वाति सिंह, डॉ. मधुलिका सिंह युवा भाजपा नेता नीरज सिंह व 2014 में हुए कामनवेल्थ गेम में भारोत्तोलन (वेटलिफ्ंिटग) में अपना नाम दर्ज करा चुकी स्वाति सिंह को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
राज्यमंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि ज्यादातर महिलाएं स्तन व गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) में होने वाली परेशानी को छुपा लेती हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसकी प्रारंभिक दौर में पहचान होने से इसका पूरी तरह से निदान संभव है। मेयो मेडिकल सेन्टर की डायरेकटर स्निग्धा सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) अध्ययन के अनुसार महिलाओं में होने वाले कैंसर मे सबसे ज्याद संख्या स्तन व सर्वाइकल कैंसर की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अक्टूबर को कैंसर जागरुकता माह घोषित किया है।
सेन्टर में स्त्री रोग विषेशज्ञों ने महिलाओं को इन बीमारियों की पहचान व उपचार की जानकारी दी। 22 अक्टूबर से एक सप्ताह तक चलने वाले विशेष कैम्प में एक हजार से ज्यादा महिलाओं की जांच की गयी। साथ ही रियायती दर पर वैक्सीनेशन किया गया।
तत्काल जांच करानी चाहिए
युवा भाजपा नेता नीरज सिंह ने कहा कोई भी अभियान युवाओं के बिना अधूरा है। उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर व सर्वाइकल कैंसर सिर्फ महिलाओं से जुड़ी बीमारी नहीं है बल्कि इसके लिए चलने जन जागरुकता अभियान में हर वर्ग के लोगों को सामान रूप से भागीदार बनना चहिये, जिसमे युवा वर्ग की अहम भूमिका है। रैली स्थल पर उपस्थित डॉ. कुमुदिनी चौहान व डॉ. दिव्या पाण्डेय ने स्तन कैंसर से बचाव के लिए अपने शरीर का स्वयं परीक्षण ‘सेल्फ एक्जामिनÓ करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्तन में किसी भी तरह की गांठ व अन्य बदलाव दिखने पर तत्काल इसकी जांच करानी चाहिए।
मेमोग्राफी जरूर करानी चाहिए
तीस साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को प्रत्येक पांच वर्श में एक बार मेमोग्राफी जरूर करानी चाहिए। इस तरह सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों की जानकारी भी होनी जरूरी है। अब इसके बचाव के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध हैं शुरुवात में ही बीमारी की जानकारी होने पर इलाज से मरीज की जान बचायी जा सकती है।
लोहिया पार्क चौराहे से शुरू होकर रैली अम्बेडकर पार्क हुए 1090 चौराहे पर जा कर समाप्त हुई। जहां हाथों में लिये झंडे व पोस्टर स्लोगन के माध्यम से लोगों को कैंसर के लक्षण व बचाव की जानकारी दी।
स्तन कैंसर के लक्षण
1. स्तनों के आकार में बदलाव
2. स्तनाग्र पर या उसके इर्द-गिर्द लाल चकत्ते
3. स्तनाग्र का अंदर धंसना, स्थिति या आकार में बदलाव
4. स्तनों की त्वचा पर झुर्रियां या गर्तिकाए
5. एक या दोनों स्तनाग्रों से आन्न्व
6. स्तन या काख में निरन्तर दर्द
7. स्तनों में गांठ
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
1. मासिक धर्म के पश्चात भी योनी से रक्त प्रवाह
2. असामान्य रक्त प्रवाह
3. वनज का घटना
4. फैमिली हिस्ट्री
5. योनी से बदबूदार स्त्राव