लखनऊ। राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल की नई ओपीडी में इलाज के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि नई ओपीडी और इंडोर बिल्डिंग अभी तक बनकर तैयार नहीं हुई है। गौरतलब है कि ठेकेदार को 2017 में हैंडओवर करना था, दो साल हो गए अभी तक बिल्डिंग का काम पूरा नहीं हो सका है। यही नहीं देरी होने की वजह से इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब आठ करोड़ रुपए अतिरिक्त बजट भी बढ़कर खर्च किया जा चुका है।
पुराने भवन में मरीज का इलाज
फिलहाल पुराने भवन में ही मरीज का मजबूरी में इलाज चल रहा है। ऐसे में मरीजों के साथ डॉक्टरों को भी परेशानी हो रही है। वहीं इस मामले पर आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. प्रकाश चंद्र सक्सेना का कहना है कि इस बिल्डिंग को निर्माण एजेंसी ने हैंडओवर करने के लिए सितंबर माह में लिखकर दिया है। हैंडओवर होने पर नई ओपीडी में इलाज शुरू किया जाएगा।
कमरों में ही मरीजों का इलाज
टूडिय़ागंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में मरीजों का इलाज अभी तक अकेडमिक ब्लॉक में चल रहा है। वर्षों से मरीज ऐसे ही यहां देखे जा रहे हैं। गौरतलब है कि कॉलेज प्रशासन यहां चार-पांच केबिन बनवाया है जहां वरिष्ठ डॉक्टर अपने कमरों में ही मरीजों का इलाज करते हैं। फिलहाल बारिश में यहां खड़े होने में भी डर लगता है। वहीं गंभीर मरीज फर्श पर ही बैठ जाता है।
ठेकेदार की लापरवाही
डॉक्टरों और कर्मचारियों का आरोप है कि ठेकेदार की लापरवाही और सुस्त कार्यप्रणाली से बिल्डिंग बनने में देरी हुई है। दो साल देरी से ओपीडी और इंडोर बिल्डिंग बनने का बजट 48 से 56 करोड़ रुपए तक खर्च कर दिया गया। अभी भी बिल्डिंग बनकर हैंडओवर नहीं की जा सकी है।