डेस्क। प्रदूषण के चलते अस्थमा का रोग तेजी से बढ़ रहा है। अस्थमा के मरीजों के लिए बढ़ती ठंड और प्रदूषण दोनों ही नुकसानदायक होते हैं। जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। वे जल्दी अस्थमा की चपेट में आते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सावधानी बरती जाए तो अस्थमा से बचाव संभव है। आप घरेलू नुस्खे अपनाकर भी स्वस्थ रह सकते हैं। अस्थमा की बीमारी को अगर समय रहते काबू कर लिया जाए तो इसके गंभीर अंजाम से बचा जा सकता है।
ये हैं लक्षण
शरीर में बेचैनी महसूस होती है, कई बार सिर भारी-भारी लगना और एक हिस्से में दर्द होना, जोर-जोर से सांस लेने के कारण थकावट महसूस होना, अधिक चलने के बाद उल्टी महसूस होना, सिगरेट-बीड़ी के धुंए से गला बंद होना या किसी तरह की एलर्जी महसूस होना।
ये हैं घेरलू नुस्खे
लहसुन, दमा के इलाज में बहुत प्रभावशाली औषधी है। 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे की शुरुआती अवस्था में काफी लाभ मिलता है। 4-5 दाने लौंग लेकर एक गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो छान लें। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पानी पीएं। ऐसा काढ़ा बनाकर दिन में तीन बार पीने से रोग नियंत्रित होता है। अस्थमा को काबू करने को हल्दी एक चम्मच दो चम्मच शहद में मिलाकर चाट लें। एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से भी राहत मिलती है। अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो कलियां पीसकर डाल दें। इससे अस्थमा बहुत जल्दी नियंत्रित होता है। तुलसी के 15-20 पत्ते पानी से साफ कर लें फिर उन पर काली मिर्च का पाउडर खाने से सांस की तकलीफ में राहत मिलती है।