लखनऊ। अल्बेंडाजोल बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए एक सुरक्षित दवाई है और उसका प्रयोग दुनियाभर में करोड़ों लोगों में कृमि संक्रमण का इलाज करने के लिए किया जाता है। इस दवा का अभी तक कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है जिन बच्चों के पेट में कीड़ों की संख्या ज्यादा होती है। उन बच्चों में दवा खाने के बाद कीड़े मरना शुरू हो जाते हैं जिससे कि बच्चों में चक्कर आना, पेट में दर्द, उल्टी, जी मचलाने की समस्या सामने आती है। ऐसा होने पर तुरंत ही 108 एंबुलेंस कंट्रोल रूम या संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी व मेडिकल टीम को सूचना दें।
छूटे बच्चों को मॉप अप राउंड में खिलाई जाएगी दवा
29 अगस्त को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम स्कूलों का भ्रमण भी करेगी यह जानकारी सीएमओ सभागार में आयोजित एक प्रेस वार्ता में दी गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कृमि संक्रमण से मुक्त करने के लिए 29 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जा रहा है। यह प्रदेश के सभी 57 जिलों में आयोजित होगा। इसमें 1 से 19 साल तक के लड़के और लड़कियों को कृमि से मुक्त करने के लिए डिवर्मिंग की दवा खिलाई जाएगी। आशा के माध्यम से अधिक से अधिक और गैर पंजीकृत और स्कूल ना जाने वाले बच्चों को आंगनबाड़ी के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी। जानकारी देते हुए बताया गया कि जो बच्चे किसी कारण से 29 अगस्त को दवा नहीं खा पाए हैं उन्हें 30 अगस्त से 4 सितंबर तक चलने वाले मॉप अप सप्ताह के दौरान दवा खिलाई जाएगी।
बच्चों के विकास पर असर
गौरतलब है कि 1 से 19 साल के बच्चों में कृमि संक्रमण का खतरा रहता है कृमि बच्चों की आंतों को संक्रमित करते हैं और व्यक्ति के जरूरी पोषक तत्व खाते हैं। कृमि संक्रमण का मुख्य कारण गंदगी है। संक्रमित मिट्टी के संपर्क में आने से कृमि संचालित होता है। व्यक्ति के शरीर में कृमियों की संख्या जितनी अधिक होगी संक्रमित व्यक्ति में लक्षण भी उतने अधिक दिखेंगे, इससे बच्चों के विकास पर असर पड़ता है।