लखनऊ। जानकीपुरम स्थित आईकॉन अस्पताल में मरीज से रुपए वसूलने और सही इलाज ना होने से मरीज की मौत की शिकायत की है। पीडि़त परिजनों ने डीएम और सीएमओ से शिकायत की है। रविवार को सीएमओ नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि जांच कमेटी को जल्द से जल्द जांच करने को कहा है। गौरतलब है कि मरीज को आईकॉन अस्पताल में करीब 10 दिन तक भर्ती किया गया था। इसके बाद मरीज को बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया था।
यह कहा अस्पताल के सीएमएस ने
वहीं आईकॉन अस्पताल के सीएमएस डॉ. प्रणव मिश्रा ने तीमारदारों के आरोप को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि मरीज के इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई है। वह खुद मरीज को डिस्जार्च कराकर ले गए थे। इलाज के लिए निर्धारित शुल्क ही लिया गया।
सही इलाज नहीं, किया रेफर
जानकीपुरम के सहारा स्टेट के पास स्थित आईकॉन अस्पताल में चार मार्च को लखीमपुर के बुजुर्ग संतराम को ब्रेन हेमरेज की शिकायत पर भर्ती कराया गया था। बेटे नंदगोपाल का आरोप है कि यहां पर डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए पहले एक लाख रुपए जमा करवाए। फिर 10 दिन तक भर्ती रखने के बाद दोबारा एक लाख रुपए का बिल दे दिया। इस पर परिवारीजनों ने एक बीघा जमीन दो लाख रुपए में गिरवी रखी। आरोप है कि यहां पर सही इलाज नहीं दिया गया। मरीज को जबरन बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया।
लगाए ये आरोप
बलरामपुर अस्पताल में तीन दिन पहले मरीज को परिवारीजनों ने भर्ती कराया था। वहां पर इलाज शुरू होने के कुछ ही देर बाद मरीज की मौत हो गई। बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने परिवारीजनों ने बताया कि निजी अस्पताल में मरीज की हालत काफी खराब हो चुकी थी।
भतीजे संदीप ने आरोप लगाते हुए डीएम और सीएमओ को शिकायती पत्र दिया है। आरोप है कि आईकॉन अस्पताल में इलाज के नाम पर काफी रुपए लिए गए। जमीन तक गिरवी रखनी पड़ी। दो लाख रुपए उधार हो गया। परिवारीजनों ने न्याय की गुहार लगाई है।