लखनऊ। भारत सरकार ने गैर संचारी रोगों कैंसर, मधुमेह तथा हाई ब्लड प्रेशर के लिये 30 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों की जांच करवाने का निर्णय लिया है। जांच करने के लिए आशाओं की मदद ली जाएगी। इसके लिए मंडलीय परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र इंदिरा नगर में आशाओं का गैर संचारी रोगों पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण हुआ है। इस प्रशिक्षण में लखनऊ के 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की 6-6 आशाओं ने भाग लिया। यह प्रशिक्षण 20 मई से प्रारंभ हुआ था।
आशा बनाएंगी सूची
शनिवार को प्रशिक्षण के अंत में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने सभी सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। सीएमओ नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आशा एक हजार की आबादी में 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों की सूची बनाएगी। यह संख्या लगभग 370 होती हैं। इन सभी लोगों केसी बैक (कम्युनिटी बेस्ड एसेसमेंट चेकलिस्ट) फार्म आशाओं द्वारा भरे जायेंगे। इसके आधार पर जिन्हें अधिक नम्बर मिलेंगे, उनकी जांच पहले की जाएगी, लेकिन जांच (स्क्रीनिंग) सभी की होगी।
ऐसा होता है
गैर संचारी रोग जिन्हें लंबे समय तक चलने वाले रोग भी कहा जाता है, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को नहीं लगते। बीमारी होने में लंबा समय लगता है और शुरू में उसके लक्षण दिखाई नहीं देते। इनका इलाज वर्षों तक और कुछ मामलों में पूरे जीवन काल तक चलता रहता है।
गैर संचारी रोगों के प्रमुख प्रकार हैं मधुमेह, हृदय रोग, लकवा, कैंसर तथा चिर कालिक श्वसन रोग। पुरुष-महिलाएं और सभी आयु वर्ग के लोग लंबे समय तक इन रोगों के शिकार होते हैं। इनमें से कुछ रोग धीमी गति से बढ़ते हैं अथवा ऐसे चिरकालिक लक्षण पैदा करते हैं जिनकी लंबे समय तक देखभाल और नियंत्रण रखना पड़ता है, जबकि कुछ अन्य रोग तेजी से बढ़ते हैं।
60 फीसदी से अधिक मौतों का बनता है कारण
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि हमारे देश में गैर संचारी रोग समय पूर्व मृत्यु का एक प्रमुख कारण हैं। भारत में इस समय जितनी मृत्यु होती हैं उसका 60 फीसदी से अधिक गैर संचारी रोगों के कारण हो रही हैं। इन मृत्यु के चार प्रमुख कारण हैं हृदय रोग, लकवा तथा उच्च रक्तचाप, चिरकालिक श्वसन रोग, कैंसर तथा मधुमेह। उन्होंने बताया कि यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यह आशाएं अपने -अपने गांव में 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करेंगी।
साल में एक बार जांच जरूर
एनसीडी के नोडल अधिकारी डॉ आरके चौधरी ने बताया कि आशाएं अपनी एक हजार की आबादी में 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों का सी बैक फॉर्म भरेंगी। 1000 की आबादी में सामान्यत: 370 व्यक्ति 30 वर्ष से ऊपर के होते हैं। इन सभी का कम्युनिटी बेस्ड एसेसमेंट चेक लिस्ट (समुदाय आधारित मूल्यांकन प्रपत्र) भरा जाएगा जिसके आधार पर उनमें रोग होने की संभावना का पता चलेगा। जो व्यक्ति ज्यादा संदेह के घेरे में होंगे उनकी पहले जांच की जाएगी। सभी लोगों की वर्ष में एक बार मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापे तथा कैंसर के लिए गांव में ही जांच की जाएगी। प्रशिक्षण में डॉ एसके सक्सेना, अजीत कुमार यादव स्वास्थ शिक्षा अधिकारी तथा निशा सोनी एनजीओ प्रशिक्षक द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया।