लखनऊ। थायरॉइड की समस्या लगातार बढ़ते ही जा रही है। भारत में 4 करोड़ से ज्यादा मरीज थायरॉयड विकार से ग्रसित हैं। थायरॉयड विकारों में से सबसे आम हाइपोथायरायडिज्म है, जो कि 25 में से 1 से 10 में से 1 को प्रभावित करता है। जब थायरॉयड ग्रंथि शरीर की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त थायरॉयड हॉर्मोन नहीं बना पाती है तब हाइपोथायरायडिज्म होता है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है।
नजरअंदाज न करें
अगर हम कहें की शुरुआती दौर में लोग थाइरायड रोग को समझ नहीं पाते है तो गलत नहीं होगा क्योंकि इस बीमारी में कई प्रकार की दिक्कत होती है। गले में सूजन, खाना निगलने में परेशानी, हाथ कांपना या ठंड अधिक लगती हो इन परेशानियों को नजरअंदाज न करें क्योंकि ये सारे लक्षण थाइराइड रोग की तरफ इशारा करते है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में तेजी से बढ़ता हैं यह रोग
अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल के सीईओ एम.डी डाक्टर मयंक सोमानी ने बताया कि अनियंत्रित माहवारी, वजन बढऩा या थकान रहना, वजन घटना या बढऩा, धड़कन तेज होना या अधिक पसीना आना, घेंघा रोग, आवाज में बदला भी थाइरायड रोग के कारण होता है। उन्होंने यह भी बताया कि थाइरायड की गोली हमेशा खाली पेट खानी चाहिए और खाने के आंधे घंटे के बाद तक कुछ नहीं खाना है। यदि किसी दिन दवा लेना भूल जाए तो उस दिन की बाद में भी गोली ले सकते हैं।
ये हैं लक्षण
हाइपोथायरायडिज्म में उदासी, थकान, बालों का झडऩा, सर्दी, कब्ज, खींची त्वचा, सेक्स इच्छा में कमी, बांझपन और वजन में वृद्धि। 35 साल के ऊपर हर व्यक्ति को थायरॉयड की जांच करवाना चाहिए। डायबिटीज और हार्ट डिसीज के बाद यह सबसे ज्यादा होने वाली बीमारी है। आमतौर पर महिलाओं को मेनोपॉज के समय थायरॉइड का खतरा ज्यादा रहता है और वो इस बीमारी के लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेती, क्योंकि कई बार तो वो इसे समझ ही नहीं पाती हैं।