लखनऊ। लोहिया अस्पताल और संस्थान के विलय का मामला अटकने से अस्पताल में उपकरण-दवाओं की खरीद फरोख्त पर संकट के बादल छा सकते हैं। विलय की प्रक्रिया अधर में होने से बजट को रोक दिया गया है। अफसरों का कहना है कि तीन माह का बजट शासन ने जल्द से जल्द जारी करने का आश्वासन दिया है।
बजट जल्द ही देने का आश्वासन
लोहिया अस्पताल को शासन की तरफ से हर साल करीब 70 करोड़ रुपए का बजट मिलता था। अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक बजट मिल जाना चाहिए। शासन की अनुमति के मिलते ही सभी सरकारी अस्पतालों को बजट जारी कर दिया गया। ऐसे में लोहिया का बजट जारी नहीं हुआ है। निदेशक डीएस नेगी ने बताया कि शासन ने तीन माह का बजट जल्द ही देने का आश्वासन दिया है।
कहीं फंस न जाए ये मामला
गौरतलब है कि लोहिया अस्पताल में इस समय पांच वेंटिलेटर है। ब्लड बैंक, आईसीयू और डायलिसिस की सुविधा भी है। बजट से बिजली का बिल , साफ-सफाई, दवाओं की खरीद, डॉक्टर कर्मचारियों का वेतन भी फंस सकता है। पैथोलॉजी जांच के लिए रसायन का भुगतान भी अस्पताल से होता है। इसके अलावा अस्पताल में 467 बेड हैं 91 डॉक्टर तैनात हैं। 119 नियमित और 350 संविदा कर्मचारी तैनात हैं।