लखनऊ। रक्तस्रावी स्ट्रोक ऐसी परेशानी है जिसको लेकर लापरवाही दिखाना भारी पड़ सकता है इसलिए इसकी तुरंत जांच कराना महत्वपूर्ण होता है। रोगी की नैदानिक स्थिति और खून के बहाव के कारण समय पर किया गया उपचार न केवल मृत्यु दर को रोकने में मदद कर सकता बल्कि रोगी को सामान्य और बेहतर जीवन जीने में भी सहायक होता है।
यह बताया डॉक्टर ने
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट और हेड डॉ. चंद्रिल चुघ ने कहा कि रक्त स्रावी स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति को बनाता है जहां डैमेज्ड बल्ड वेसल मस्तिष्क में खून का रिसाव करती हैं। इसे इंट्रासेरेब्रल मस्तिष्क में रक्त का बहाव और सबरचानॉइड मस्तिष्क के ऊतको΄ के आस-पास रक्त के बहाव के रूप में जाना जाता है। रक्तस्राव के कारणों में एंयूरिज्म, आर्टेरियो वेनस मालफॉर्मेशन एवीएम ट्यूमर फिस्टुला और अन्य रक्तचाप संबंधी बीमारियां शामिल हैं।
उपचार पहले से ज्यादा सुरक्षित
एक दशक में परंपरागत न्यूरोलॉजी तकनीक काफी विकसित हुई है। नए उपकरणों के आने से एंयूरिज्म और एवीएम का उपचार पहले से ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी हुआ है। न्यूनतम इनवेसिव न्यूरोलॉजिकल प्रक्रियाओ΄ के युग में मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी उपचार के तरीके प्रदान करते हैं ताकि वे अपने परिवार के साथ जल्दी घर जा सकें। मस्तिष्क में खून के बहाव के कारण धमनी विस्फार के टूटने से विश्वभर में सालाना लगभग 5.6 लाख लोगों की मृत्यु होती है।
महिलाओं में जोखिम ज्यादा
50 प्रतिशत से अधिक पीडि़त 50 वर्ष से कम उम्र के पाए जाते हैं और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में जोखिम दो गुना अधिक होता है। धूम्रपान, हाई लड प्रेशर और मस्तिष्क धमनीविस्फार का पारिवारिक इतिहास एक महिला में इस घातक समस्या के जोखिम को और बढ़ाता है।