न्यूयार्क। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतरेस ने कहा है कि विश्व में विभिन्न सरकारों के सतत प्रयासों के बावजूद अत्यधिक गरीब 47 देशों में आज भी गरीबी, भुखमरी, कुपोषण, लिंग असमानता के कारण महिलाओं के प्रति दुव्र्यवहार और मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं में खास सुधार नहीं हुआ है।
उन्होंने अफसोस जताया कि विश्व में आज भी आधी जनसंख्या अर्थात साढ़े तीन अरब लोग मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं। इन अत्यधिक 47 निर्धन देशों में दक्षिण एशिया से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान सहित ज्यादातर देश अफ्रीका में हैं। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देश हैं। विश्व में आज भी 84 करोड़ लोग कुपोषण के शिकार हैं।
अफ्रीका, एशिया और लेटिन अमेरिका में 40 से 85 प्रतिशत लोग अत्यधिक गरीब
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने मंगलवार को दुनिया भर में विभिन्न सरकारों की ओर से किए जा रहे विकास के माध्यम से हो रहे प्रयासों की सराहना करने साथ ही निराशा भी जताई कि अत्यधिक गरीबी, भुखमरी और स्वास्थ्य सेवाओं में अपेक्षित सुधार नहीं हो सका है। उन्होंने इस संदर्भ में एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में सतत विकास के लिए 17 संकेतकों के आधार पर कहा गया है कि विश्व में अफ्रीका, एशिया और लेटिन अमेरिका में 40 से 85 प्रतिशत लोग अत्यधिक गरीबी से जूझ रहे हैं, जहां वर्ष 2030 तक निर्धारित लक्ष्यों को हासिल कर पाना एक दुष्कर चुनौती है।
तीन दशक में स्थिति में भारी सुधार
उन्होंने कहा कि यूरोप में मात्र दस प्रतिशत लोग अत्यधिक गरीबी रेखा से नीचे आते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशक में स्थिति में भारी सुधार हुआ है। सन् 2015 में दस प्रतिशत लोग अत्यधिक गरीबी की श्रेणी में आते थे, जो अब छह प्रतिशत हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि लिंग असमानता और 15 से 49 वर्ष की आयु की महिलाओं के साथ दुव्र्यवहार, हिंसा आदि की घटनाओं में कमी तो आई है लेकिन आज भी पांच में से एक महिला हिंसा की शिकार हो रही है।