लखनऊ। अगर हम आलस्य को छोड़ दें तो 45 फीसदी बीमारियां खत्म हो जाएंगी। यह बात केजीएमयू स्थित कलाम सेंटर में इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंसेस एवं आरोग्य भारती, अवध प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में स्वस्थ जीवनशैली के विषय पर चौथी सतत पैरामेडिकल शिक्षा में मुख्य अतिथि प्रो. एमएलबी भट्ट ने कही। उन्होंने कहा कि 60 फीसदी बीमारियां अनियमित जीवनशैली के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि 30 फीसदी लोगों को कैंसर तथा 30 फीसदी लोगों को हृदय से संबंधित रोग तंबाकू के सेवन के कारण होते हैं।
सिर के पास न रखें मोबाइल
उन्होंने बताया कि मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन 6 से 8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए तथा रात में चाय, कॉफी या नशे का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने रात में मोबाइल का प्रयोग न करने तथा मोबाइल को सिर के पास न रखकर सोने की सलाह देते हुए बताया कि प्रत्येक मनुष्य को साल भर में सिर्फ 40 दिन तक 40 मिनट धूप सेंकनी चाहिए जिससे शरीर में विटामिन-डी की कमी न हो। उन्होंने बताया कि विटामिन-डी की कमी से हड्डी, हृदय, पाचन तंत्र, त्वचा रोग एवं मानसिक रोग होने का खतरा बढ़ जाता है तथा 80 फीसदी भारतीयों में विटामिन-डी की कमी पाई जाती है। स्वस्थ जीवनशैली के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 10 हजार कदम तथा हृदय रोग व अन्य बीमारियों से पीडि़त व्यक्ति को कम से कम 5 हजार कदम चलना चाहिए।
फास्टफूड और तले-भुने खाद्य पदार्थो का सेवन कम
उन्होंने आरओ के पानी को नुकसानदायक बताते हुए कहा कि आरओ के पानी में बैक्टीरिया के साथ जरूरी मिनरल्स भी निकल जाते हैं। साथ ही फास्टफूड और तले-भुने खाद्य पदार्थो का कम से कम सेवन करने की सलाह दी। उन्होंने मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योगासन, प्राणायाम तथा मेडिटेशन किए जाने की सलाह दी। कार्यक्रम में डीन, इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंसेस डॉ विनोद जैन ने जानकारी दी कि वह अगस्त 2020 में सतत पैरामेडिकल शिक्षा का आयोजन करेंगे जिसमें देशभर से विद्यार्थी एवं पैरामेडिक के शिक्षकगण प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने बताया कि आज के कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले 86 विद्यार्थियों में से 5 बाहर के कॉलेज से आए विद्यार्थी हैं जो इस बात का प्रमाण है कि आमजन अब स्वस्थ जीवनशैली के प्रति गंभीर हो रहे हैं।
ऐसे आएगी रात में अच्छी नींद
कार्यक्रम के अतिथि वक्ता आयुर्वेदाचार्य डॉ. अभय नारायण तिवारी ने बताया कि प्राचीन जीवनशैली में आयुर्वेद के माध्यम से आज भी स्वस्थ रहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि एक दिन में आठ पहर होते हैं और एक पहर में दो बार भोजन नहीं करना चाहिए तथा दो पहर से अधिक भूखा नहीं रहना चाहिए और रात में गर्म दूध के साथ गुड़ के सेवन से नींद गहरी और अच्छी आती है। डॉ भूपेंद्र सिंह ने मेडिटेशन का महत्व बताते हुए कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी आवश्यक होता है और इसके कारण कई बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिन के मात्र 15 मिनट मस्तिष्क को शांत कर ध्यान केंद्रित करने से शरीर की ऊर्जा दोगुनी हो जाती है और हमारे द्वारा किए गए कार्य को हम पहले के मुकाबले और बेहतर ढंग से कर सकते हैं जिससे उस कार्य के सफल होने की संभावना और अधिक हो जाती है।
स्वस्थ जीवनशैली पर लिखित किताब का विमोचन
इस अवसर पर डीन, इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंसेस डॉ विनोद जैन एवं डॉ अंकिता जौहरी द्वारा स्वस्थ जीवनशैली पर लिखित किताब का विमोचन कुलपति द्वारा किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ अंकिता जौहरी द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ अनित परिहार, डॉ अतिन सिंघई, प्रो मोनिका अग्रवाल, डॉ अनिल रावत, डॉ सुकृति कुमार, शिवानी श्रीवास्तव, संगीता खरे, आमिर हसन, श्यामजी रमन मिश्रा और राघवेंद्र कुमार उपस्थित रहे।