लखनऊ। टीबी के सबसे ज्यादा मरीज भारत में पाए जाते हैं और एचआईवी युक्त टीबी में भारत दूसरे स्थान पर है। पूरे विश्व के 27 फीसदी मरीज भारत से हैं। देश में टीबी के जितने मरीज हैं उनमें 20 फीसदी उत्तर प्रदेश में है। उक्त बातें महानिदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य पद्माकर सिंह ने सोमवार को 1090 चौराहे से लोहिया पार्क तक एक जन जागरुकता रैली के दौरान कही।
टीबी कॉल सेंटर शुरू
उन्होंने कहा कि 2018 में उत्तर प्रदेश में 4 लाख बीस हजार टीबी मरीजों की पहचान हुई है जिसमें से 115000 मामलों को निजी क्षेत्र द्वारा चिन्हित किया गया है। 2019 में राज्य में 70307 टीबी के मामलों की पुष्टि हुई जिनमें से 17870 निजी क्षेत्र द्वारा अधिसूचित किए गए हैं। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के प्रवक्ता डॉ. एसके सक्सेना ने बताया कि सरकार ने एक टीबी कॉल सेंटर शुरू किया है जिसके द्वारा टीबी से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त की जा सकती है इसका नंबर 1800-11-6666 है।
‘इट्स टाइमÓ है थीम
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने बताया कि सर रॉबर्ट कोच ने 24 मार्च 1882 को टीबी के जीवाणु माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस की खोज की, तब से हर साल 24 मार्च को विश्व टीवी दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2019 के विश्व क्षय रोग दिवस की थीम है ‘इट्स टाइमÓ उन्होंने बताया कि बलगम के परीक्षण की सुविधा 2021 डीएमसी और 141 सीबी नेट केंद्रों पर उपलब्ध है। 5 ड्रग सेंस्टिविटी टेस्टिंग लैब आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, वाराणसी और मेरठ में हैं जो टीबी रोगियों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
2000 छात्र-छात्राओं व कार्यकर्ताओं ने लिया भाग
24 मार्च को विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष में सप्ताह भर तक चलने वाले कार्यक्रमों की कड़ी में सोमवार को 1090 चौराहे से लोहिया पार्क तक जन जागरुकता रैली का आयोजन किया गया। रैली को महानिदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य पद्माकर सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में हयात इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल, एरा नर्सिंग इंस्टीट्यूट, बलरामपुर नर्सिंग इंस्टीट्यूट, जीसीआरजी नर्सिंग कॉलेज, टीएस मिश्रा नर्सिंग कॉलेज तथा स्वयंसेवी संस्था जीत, ममताव हुमाना के लगभग 2000 छात्र-छात्राओं व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
रैली में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर डीके वाजपेई, राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ संतोष गुप्ता, जिला क्षय रोग डॉक्टर बीके सिंह, उप राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. ऋषि सक्सेना, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शंकरलाल अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरोजिनी नगर डॉ. अशोक कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के डॉ. एसके सक्सेना ने भी भाग लिया।
टीबी मामलों की नोटिफिकेशन में 30 फीसदी की वृद्धि
डॉ. संतोष गुप्ता ने बताया कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से एक अप्रैल 2018 से टीबी रोगियों को 500 रुपए पोषण सहायता के रूप में प्रदान किया जा रहा है। अब तक ढाई लाख से अधिक रोगियों ने इसका लाभ प्राप्त किया है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. बीके सिंह ने बताया कि टीबी मामलों की नोटिफिकेशन में 30 फीसदी की वृद्धि हुई है वहीं निजी क्षेत्रों के मामलों की नोटिफिकेशन में 70 फीसदी की वृद्धि हुई है।
टीबी रोगियों को प्रतिमाह 500 रुपए पोषण सहायता
नवंबर 2018 में लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज मेरठ में नई दवा संवेदनशीलता टीबी के परीक्षण की प्रयोगशाला का संचालन शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफ डीवीटी के माध्यम से एक अप्रैल 2018 से टीबी रोगियों को प्रतिमाह 500 रुपए पोषण सहायता निक्षय पोषण योजना के तहत प्रदान की जा रही है। अब तक लगभग ढाई लाख से अधिक लोगों ने इसका लाभ प्राप्त किया है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर डीके बाजपेई ने बताया कि राजपत्र अधिसूचना मार्च 2019 में टीबी अधिसूचना को अनिवार्य कर दिया गया है और गलत सूचना या सूचना न देने वालों पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। एक एनजीओ जीत साठ जनपदों को अपनी परियोजना में शामिल कर रही हैं।
20,391 नए मामलों की पहचान
जिला शिक्षा अधिकारी डॉक्टर बीके सिंह ने बताया कि सक्रिय की खोज अभियान अभियान में राज्य ने जून 2018 सितंबर 2018 और जनवरी-फरवरी 2019 के महीनों में लगभग 7.5 करोड जनसंख्या की स्क्रीनिंग की। इन एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान द्वारा लगभग 7.5 करोड जनसंख्या की स्क्रीनिंग की गई। इन अभियानों में 20,391 नए मामलों की पहचान की गई और उनका इलाज शुरू किया गया। पांच मेडिकल मोबाइलवैन की मदद से 1,110 टीबी रोगियों की पहचान की गई है जिसमें 122 एमडीआर-टीबी के मामलों की पहचान की गई।