लखनऊ। एमएमयू यानी मोबाइल मेडिकल यूनिट लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। ग्रामीणों को उनके घर पर ही इलाज मुहैया हो रही है। एमएमयू का लाभ गर्भवती महिलाओं को भी मिल रहा है। गर्भवतियों को डॉक्टर की सलाह के साथ ही मुफ्त दवाइयां उपलब्ध हो रही हैं। डॉक्टरों की मानें तो गर्भवती की तबीयत सामान्य से अलग है उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला महिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है।
जिले में अब तक 1500 गर्भवती महिलाओं की जांच
एमएमयू की सुविधा फरवरी में शुरू हुई थी। इसका मकसद था कि ग्रामीणों को घर के पास इलाज मुहैया हो सके। प्रदेश में एमएमयू का संचालन केएचजी हेल्थ सर्विसेज कर रही है। मंगलवार को संस्था की ओर से गर्भवती महिलाओं के इलाज संबंधी आंकड़े जारी किए गए। अकेले लखनऊ में अब तक 1500 गर्भवती महिलाओं की जांच हुई। 944 महिलाओं की खून आदि की जांच हुई। एमएमयू में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें सीएचसी व पीएचसी रेफर किया जा रहा है।
समय पर मिल रही गर्भवती को सलाह
केजीएमयू से रिटायर व एमएमयू के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. यूसी पाण्डेय ने बताया कि यह चलता-फिरता अस्पताल गर्भवती महिलाओं को इलाज देने में कारगर साबित हो रहा है। अमूमन गर्भवती को ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज के लिए काफी दूर जाना पड़ता था। नतीजतन समय पर महिलाओं को उचित सलाह नहीं मिल पाती है। छोटी समस्याओं को महिलाएं नजरअंदाज कर देती है। साथ ही महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है।