लखनऊ। आप अपने बच्चे के लिए वॉकर लेकर आ रहे हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि वॉकर से आपके बच्चे को हेड इंजरी हो सकती है। यहां बनाए गए वॉकर मानक के अनुरूप नहीं हैं। अक्सर लोग ऐसा सोचते हैं कि वॉकर से बच्चे का विकास होता है, यह गलत है। वॉकर से बच्चे को चोट लग सकती है।
आकस्मिक चोटों के बारे में प्रेजेन्टेशन दिया
उक्त बातें गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान की बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. दीप्ति अग्रवाल ने कही। यह मौका था मंगलवार को संस्थान में फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सीकोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का। इसमें बच्चों को लगने वाली आकस्मिक चोटों के बारे में अपना प्रेजेन्टेशन दिया गया।
फायदा नहीं होता है नुकसान
डॉ. दीप्ति ने बताया कि वॉकर से बच्चे को फायदे की जगह नुकसान हो जाता है। इसमें बच्चों के गिरने के केस सामने आते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वॉकर सही तरीके से नहीं बनता है और बच्चे गिर जाते हैं, जिससे हेड इंजरी हो जाती है।
60 प्रतिशत बच्चों की मौत
डॉ. दीप्ति ने बताया कि बच्चों के आकस्मिक चोटों के जो केस अस्पताल में आते हैं उनका मुख्य कारण गिरना या जलना होता है। उन्होंने कहा कि बच्चों की चोट के आने वाले मामलों में 60 प्रतिशत बच्चों की मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसी कई बातें हैं जिसकी वजह से घर के अंदर बच्चों को चोट लग जाती है। इसका एक बड़ा कारण चोट लगने से होने वाली बच्चों की मौत को रोकने के लिए कोई ऐसा कार्यक्रम नहीं बना है।
इन बातों का रखें ध्यान
उन्होंने बताया कि घरों में अगर सिर्फ स्मोक अलार्म ही लगना अनिवार्य हो जाये तो 70 प्रतिशत बच्चों की मौत को बचाया जा सकता है। इसी प्रकार घर की सीढिय़ों पर रेलिंग न बना होना, छत पर रेलिंग न बना होना, रसोई अलग हटकर बनी होना जैसी बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखना चाहिये। इसी प्रकार गर्म दूध, स्टोव, गैस, खुले बिजली के स्विच, आइरन जैसे बिजली के अन्य उपकरण जिनसे सीधा नुकसान होने का खतरा हो, इनसे बच्चों को दूर रखने के उपाय करने आवश्यक है।
इन्होंने ये कहा
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्सय अतिथि निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम के सम्माननीय अतिथि सेवा निवृत्त जिला जज विजय वर्मा थे। वर्मा ने कार्यक्रम में बच्चों के साथ होने वाले यौन दुव्र्यवहार पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी बच्चों की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनके साथ व्यवहार करें।