लखनऊ। विश्व में अब तक 75 किस्म की बीमारियों में स्टेम सेल का उपयोग हो चुका है। फेफड़ों की इंज्युरी और सूजन का इलाज करने के लिए स्टेम कोशिकाओं का उपयोग माइटोकॉन्ड्रियल डोनर के रूप में किया जा सकता है। इसके अलावा अल्जाइमर, दिल की बीमारियों, कैंसर, आर्थराइटिस जैसी लाइलाज बीमारियों का इलाज भी इस तकनीक से संभव है। यह जानकारी भारतीय जीनोम अनुक्रमण जीनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) नई दिल्ली के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने दी।
बन सकती है बीमारियों का कारण
डॉ. अग्रवाल ने गुरुवार को सीडीआरआई के वार्षिक सम्मेलन में बताया कि माइटोकॉन्ड्रियल सेल के महत्वपूर्ण ओर्गेनेल्स में से एक है जिसे कोशिका का पावर हाउस भी कहते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया में कोई भी विकार मानव में बड़ी संख्या में बीमारियों का कारण बन सकती है।
सीएसआईआर-सीडीआरआई के निदेशक प्रोफेसर तपस के कुंडू ने प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए बताया कि भारत और विदेशों (यूएसए, नॉर्वे, डेनमार्क और ताइवान) के कुल 18 प्रतिष्ठित वैज्ञानिक माइटोकॉन्ड्रियल शोध और चिकित्सा के क्षेत्र में हालिया उपलब्धियां के बारे में चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं।