लखनऊ। आन्कोप्लास्टिक ब्रेस्ट सर्जरी का प्रयोग भारत में गत वर्षों से शुरू हुआ है। अब आन्कोप्लास्टिक ब्रेस्ट सर्जरी केजीएमयू में शुरू हो गयी है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के शल्य चिकित्सा विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. गितिका नन्दा सिंह आन्कोप्लास्टिक ब्रेस्ट सर्जरी कर रही हैं।
जागरुकता की कमी
डॉ. गितिका नन्दा सिंह ने बताया कि वर्तमान समय स्तन की सर्जरी एक नया मोड़ ले चुकी है। स्तन रोग का उपचार स्तन विशेषज्ञों के द्वारा ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जागरुकता की कमी के कारण पहले महिलाएं स्तन कैंसर के आखिरी चरण में आती थी परन्तु अब जागरूकता के कारण महिलाओं के दृष्टिकोण में बदलाव आया है, महिलाएं स्तन कैंसर के प्रथम चरण में विशेषज्ञों से परामर्श हेतु आने लगी है इसलिए पूरे स्तन को ना निकालकर स्तन बचाने का आपरेशन भी सशक्त रूप से किया जा सकता है।
स्तन को सही आकार दिया जा सकता है
उन्होंने बताया कि आन्कोप्लास्टिक ब्रेस्ट सर्जरी एक ऐसा आपरेशन है जिसमें 50 प्रतिशत तक स्तन निकालकर भी स्तन को सही आकार दिया जा सकता है। इससे ना केवल स्तन कैंसर बल्कि स्तन की सादी गिल्टियां जिसमें छाती पर भद्दे निशान, छाती का आकार खराब होना या पूरी छाती तक निकालने की स्थिति भी आ जाती है, उसे भी बिना किसी निशान के निकाल पाना सम्भव है।
स्तन पर बिना किसी निशान के उचित आकार दिया
डॉ. गितिका नन्दा सिंह ने कई महिलाओं एवं लड़कियों को स्तन पर बिना किसी निशान के उचित आकार दिया गया है जो पहले सम्भव नही था। प्रो. विनोद जैन ने बताया कि इस आपरेशन से महिलाएं बड़ी से बड़ी गांठ को बिना किसी दिखने वाले चीरे या निशान के भी निकलवा सकती है। यह आपरेशन महिलाओं एवं लड़कियों के हित में है जिसे हमारे चिकित्सा विश्वविद्यालय में कम से कम दरों में किया जा रहा है।