लखनऊ। एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने ठोस कदम उठाया है। इसेक लिए सोमवार को प्रदेश में एनीमिया मुक्त भारत अभियान का शुभारम्भ किया गया। इसके तहत सभी को आयरन की गोलियां वितरित की जाएंगी। एनीमिया-मुक्त भारत अभियान में डिजिटल हिमोग्लोबिनामीटर द्वारा रक्त जांच कर उपचार किया जायेगा। डैशबोर्ड के माध्यम से भौतिक प्रगति की समीक्षा भी होगी। ये बातें सोमवार को अभियान के शुभाम्भ पर परिवार कल्याण मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने दी।
छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चे शामिल
सूबे की सभी सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक, पांच से 19 वर्ष के लड़के-लड़कियों व महिलाओं को आयरन की गोलियों के उपयोग, वितरण और उसके महत्व के बारे में जागरूक किया जायेगा। इस अभियान में छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को भी शामिल किया गया है। जोशी ने कहा कि एनीमिया की दर में कमी लाने के लिए केन्द्र सरकार ने देशव्यापी पोषण अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत आईसीडीसएस, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायती राज, शिक्षा विभाग, पेयजल एवं अन्य कई विभाग मिलकर मिलकर काम कर रहे हैं।
बढ़ जाती हैं दिक्कतें
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक पंकज कुमार ने कहा कि एनीमिया हर आयु वर्ग को प्रभावित करता है। इसकी वजह से गर्भवती महिलाओं में मृत्यु दर और कम वजन के नवजात होने की संभावना ज्यादा होती है। किशोर-किशोरियों में एनीमिया की वजह से किसी काम में मन का न लगना व सुस्ती आदि की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। कार्यक्रम में चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, सीएमओ के अलावा शिक्षा अधिकारी के अलावा आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम अधिकारी शामिल थे।