लखनऊ। दिमाग स्वस्थ रहेगा तो शरीर भी स्वस्थ रहेगा। स्वस्थ मन ही देश का धन होता है। मानसिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वहीं भारत में करीब 86 फीसदी मानसिक रोगियों का इलाज नहीं हो पाता है। यह बात 2017 की एक रिपोर्ट में जारी की गई है। उक्त बातें इंडियन साइकिएट्रिक सोसायटी के सेक्रेटरी के डॉक्टर विनय कुमार ने गोमती नगर स्थित एक होटल में आयोजित एक कार्यशाला में कही।
71वां वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन
इंडियन साइकिएट्रिक सोसायटी का 71वां वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन के एक दिन पूर्व कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान आत्महत्या के कारणों के बारे में भी डॉक्टरों ने अपनी राय रखी। यहां बताया गया कि आत्महत्या के मामले में 90 फीसदी लोग अवसाद से ग्रस्त होते हैं। आत्महत्या एक आवेश है। अगर परिजन को यह लगे कि बच्चा अवसाद में है तो उन्हें उससे बात करनी चाहिए। संवाद करना एक आसान रास्ता है।
चार दिन चलेगा सम्मेलन
इंडियन साइकिएट्रिक सोसायटी का 71वां वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन 31 जनवरी से 3 फरवरी तक चलेगा। यह गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित होगी। यह सम्मेलन मनोचिकित्सा विभाग, केजीएमयू और नूरमंजिल साइक्रियाट्रिक सेंटर के तत्वावधान में आयोजित होगा। सम्मेलन के मुख्य आयोजनकर्ता केजीएमयू के मानसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पीके दलाल और ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी नूर मंजिल साइक्रियाट्रिक सेंटर में कार्यरत डॉ. हेमंत नायडू हैं।
3000 डॉक्टरों ने रजिस्ट्रेशन कराया
राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मेलन में दुनिया भर के करीब 3000 डॉक्टरों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। यहां डॉक्टर अपने-अपने विचार व्यक्त करेंगे। इस सम्मेलन का विषय ‘मानसिक स्वास्थ्य-देश की पूंजी हैÓ। इंडियन साइकिएट्रिक सोसायटी के नए अध्यक्ष अहमदाबाद से डॉ. मृगेश वैष्णव यौन मामलों, प्रेम और निजी संबंधों पर अपना भाषण देंगे। डॉ. वैष्णव इसके प्रभाव के बारे में बात करेंगे कि कैसे एक व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव पड़ता है।