लखनऊ। विटामिन डी की कमी से गठिया रोग की समस्या हो जाती है। महिलाओं में इस विटामिन की कमी के चलते ज्यादा मरीज आते हैं। इस रोग से युवा वर्ग भी अछूते नहीं हैं। हर साल 12 अक्टूबर को विश्व गठिया रोग दिवस मनाया जाता है। इस बार गठिया रोग दिवस पर बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा मैराथॉन, साइकिल दौड़, जुंबा व योग शिविर का आयोजन किया जाएगा।
30 वर्ष के मरीज भी गठिया रोग से पीडि़त
यह जानकारी गुरुवार को गोमती नगर स्थित हेल्थसिटी अस्पताल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान संस्था के संस्थापक व निदेशक डॉ संदीप कपूर व डॉ. संदीप गर्ग ने दी है। डॉ. संदीप ने बताया कि गठिया रोग 60 से 70 आयु के लोगों में देखी जाती थी पर अब 30 वर्ष के मरीज भी गठिया रोग से पीडि़त हैं।
डीजीपी ओपी सिंह कार्यक्रम का करेंगे शुभारंभ
पैकेट में उपलब्ध दूध में विटामिन डी व ए मिलाया जाता है पर घर पर दूध उबालने से सारे पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। पैकेट वाले दूध को उबालकर ही दिया जाता है, घर पर दूध को बिना उबाले पी सकते हैं। गठिया रोग दिवस के अवसर पर डीजीपी ओपी सिंह शनिवार सुबह छह बजे, हेल्थसिटी अस्पताल के निकट बने मछलीपार्क से कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम में लगभर चार सौ लोग हिस्सा लेंगे। जन जागरुकता के लिए संस्था द्वारा इस अभियान को आम लोगों से जोड़ा जाएगा।
शुरुआती दौर में सावधानी बरतें
डॉ कपूर और डॉ गर्ग मानते हैं की यदि हर व्यक्ति अपने ऑफिस घर के वातावरण के अनुरूप अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल कर ले और होने वाले लक्षणों को पहचान कर शुरुआती दौर में सावधानी बरतें तो आर्थराइटिस को कण्ट्रोल किया जा सकता है। यदि बीमारी हो जाये तो विशेषज्ञ से परामर्श और जल्द इलाज या प्रत्यारोपण सर्जरी से लाभ मिल सकता है।
ऑस्टियो आर्थराइटिस के कारण
मोटापा, उम्र, गम्भीर चोट, जमीन पर बैठने की आदत, धूम्रपान व शराब का सेवन, सीढिय़ों का ज्यादा इस्तेमाल, भारतीय प्रशाधन हैं।