लखनऊ। झंडी वाले पार्क में मानव फेफड़े की भांति दिखाई देने वाले बड़े आकार के सफेद रंग के कृत्रिम फेफड़े गुरुवार को स्थापित किया गया था। यह कृत्रिम फेफड़ा 24 घंटे में ही धुंधला हो गया है। ऐसा होना लखनऊ के लिए चिंता का विषय है।
वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति
लखनऊ की हवा में मौजूद जहरीले प्रदूषण के बारे में एकता ने कहा कि कल ही हमने लखनऊ के नगर निगम कार्यालय के सामने पार्क में 10 दिनों के लिए सफेद कृत्रिम फेफड़े को स्थापित किया था। 24 घंटे के भीतर ही प्रदूषण के असर से इसका धुंधला हो जाना यह प्रमाणित करता है कि लखनऊ में वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति बनी हुई है। हालिया जारी रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2 लाख 60 हजार मौतें वायु प्रदूषण के कारण हो रही हैं जबकि देश भर में यह आंकड़ा 12 लाख से ऊपर है।
सीपीसीबी के निगरानी तंत्र के अनुसार लखनऊ में आज के प्रदूषण की मात्रा 320 है जो कि मानकों के आधार पर एक चिंताजनक स्थिति है। ऐसे हालात में स्वस्थ व युवा नागरिकों के श्वसन तंत्र पर गहरे प्रभाव पड़ सकते हैं और बच्चों, बूढ़ों और बीमार लोगों के जीवन पर खतरा भी हो सकता है।
ऐसे लग सकता है लगाम
एकता ने कहा कि आमजनता, सरकारी मशीनरी, नागरिक और औद्योगिक समाज एकसाथ मिलकर ही इस समस्या का समाधान निकाल सकते हैं। इसके लिए हमें सौर ऊर्जा, स्वच्छ र्इंधन आधारित मजबूत परिवहन आदि के माध्यम से प्रदूषण पर लगाम लगाया जा सकता है। इसके अलावा प्लास्टिक इस्तेमाल पर प्रतिबन्ध कचरा जलाने पर रोक, निर्माण कार्यों को पर्यावरण के अनुकूल बनाना आदि भी जरूरी कदम हैं।