लखनऊ। विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वस्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम विश्व के बदलते परिदृश में वयस्क और मानसिक स्वास्थ्य रखी गयी है।
8 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता सप्ताह
इस दौरान जागरुकता के लिए एक वृहद स्वास्थ्य शिविर, रैली, संगोष्ठी, नगरीय स्वास्थ्य शिविर इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के आदेशानुसार प्रदेश के समस्त जिलों की तरह जनपद में मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता सप्ताह मनाया जायेगा। यह सप्ताह 8 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक मनाया जाएगा।
की जा रही निगरानी
कई लाभों के साथ ऑनलाइन प्रौद्योगिकियों का बढ़ता उपयोग इस आयु वर्ग के लोगों के लिए अतिरिक्त दबाव भी लाया है, हालांकि यदि इसे पहचाना और प्रबंधित नहीं किया जाता है, तो यह तनाव मानसिक रोग उत्पन्न कर सकता है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली के द्वारा मानसिक रोगियों तथा मानसिक स्वास्थ्य से संबन्धित प्रकरणों की निगरानी की जा रही हैं।
ये जारी किए गए निर्देश
1. गंभीर मानसिक स्वास्थ्य देख-रेख सेवाओं जैसे बाहरी रोगी (ओपीडी) और आंतरिक रोगी (आईपीडी) की व्यवस्था करना जिससे रोगी की स्वास्थ्य देख-रेख के सभी स्तरों जैसे प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला अस्पतालों पर मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके, जिससे मानसिक रोगियों को लंबी दूरी का सामना न करना पड़े।
2. प्रत्येक जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला चिकित्साधीक्षक का उत्तरदायित्व होगा कि मानसिक रोगियों के समुचित उपचार सुनिशिचित कराएं एवं काउन्सलिंग की सेवाएं जैसे जिला काउन्सलिंग केंद्र, मन कक्ष की स्थापना करें।
3. मानसिक रोगियों के भर्ती की सेवा जिला चिकित्सालय में उपलब्ध हो।
4. प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व जिला चिकित्सालय स्तर पर मानसिक रोग विधा की औषधियां उपलब्ध हों।
5. लोक स्वास्थ्य स्थापना में अतिआवश्यक वस्तु, सामाग्री, मशीनों जैसे साईक्लोजिकल टूल्स, बायो फीड बैक मशीन आदि की उपलब्धता करना।
6. जन जागरूकता हेतु समुचित आईईसी कार्यक्रमों का समय-समय पर संचालन करना।