लखनऊ। हेपेटाइटिस दुनिया की प्रमुख बिमारियों में से एक है। बता दें कि विश्व में प्रत्येक 12 में से 1 व्यक्ति इसका शिकार बन रहा है। इससे बचाव का सबसे आसान तरीका है कि रोज कम से कम 45 मिनट टहलें। मौजूदा समय में हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है लेकिन फिर भी लोगों में इस बीमारी से सम्बंधित जागरुकता कम है। इससे फैटी लिवर के साथ अन्य बीमारियां भी दूर रहती हैं। यह जानकारी पेट एवं लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ़ संजय कुमार सोमानी ने दी।
यह होती है समस्या
हेपेटाइटिस बी लिवर को प्रभावित करने वाला एक गंभीर संक्रमण है। यह वायरस मरीज के लिवर को निशाना बनाता है जिसके कारण शरीर स्थायी रूप से प्रभावित होता है। इससे डायरिया, भूख कम होना, उल्टियां होना, थकान, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, पेट दर्द, तेज बुखार और पीलिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
यह है हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस एक तरह का लीवर इन्फेक्शन है जिससे लीवर में सूजन आ जाती है। हेपेटाइटिस के पाँच प्रकार के वायरस होते हैं। वह हैं ए,बी,सी,डी और ई। पांच प्रकार के हेपेटाइटिस में से बी एवं सी से लोग सबसे ज्यादा ग्रसित हैं। ये दोनों प्रकार के हेपेटाइटिस सबसे ज्यादा खतरनाक भी है। आइए जानते है हेपेटाइटिस के पांच प्रकार के वायरस के बारे में और यह भी कि आखिर शरीर इन सभी वायरस के कॉन्टेक्ट में कैसे आ जाता है।
यह कहा डॉक्टर ने
डॉ़ संजय कुमार सोमानी ने बताया कि हेपेटाइटिस बी और सी के लक्षणों को आसानी से पकड़ा नहीं जा सकता है। पैरों में सूजन, उल्टी का अहसास, थकान महसूस होना इसके प्राथमिक लक्षण हैं। धीरे-धीरे ये सिरोसिस बन जाता है और लिवर पूरी तरह खराब हो जाता है। जिसके बाद ट्रांसप्लांट के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रह जाता। इससे बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाएं, दूसरों का टूथब्रश, सेविंग ब्लेड, आदि का प्रयोग न करें।
टीका समय पर लगवाएं
डॉ़ संजय ने बताया कि हेपेटाइटिस से बचाव के लिए बच्चों को समय पर टीका लगवाएं। लिवर से जुड़ी समस्याओं को हल्के में न लें।
हेपेटाइटिस के ये हैं प्रकार
हेपेटाइटिस ए वायरस
हेपेटाइटिस ए जैसी गंभीर बीमारी हेपेटाइटिस ए वायरस (HAV) की वजह से होती है। डब्ल्यूए के अनुसार हर साल 1.4 मिलयन लोग इस बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं। यह वायरस आमतौर पर संक्रमित खाना खाने और पानी पीने से होता है। इस बीमारी के मरीज के साथ सेक्स करने से भी लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं। इसको महामारी रोग कहा जाता है क्योंकि यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो जाता है।
हेपेटाइटिस बी वायरस
हेपेटाइटिस बी हेपाटाइटिस बी वायरस (HBV) के कारण होने वाली एक संक्रामक बीमारी है। यह संक्रमित व्यक्ति के खून और अन्य शारीरिक तरल पर्दार्थ के संपके में आने से फैलता है। यह गर्भावस्था में प्रसव के दौरान संक्रमित मां से बच्चे को भी होने का खतरा होता है।
हेपेटाइटिस सी वायरस
हेपेटाइटिस सी हेपेटाइटिस सी वायरस (HCV) के कारण होता है। यह इन्फेक्टेड ब्लड और इन्जेक्शन के इस्तेमाल से लोगों में फैलता है। बता दें कि हेपेटाइटिस सी के लिए अबतक कोई वैक्सीन नहीं बना है।
हेपेटाइटिस डी वायरस
हेपेटाइटिस डी वायरस (HDV) के कारण लोगों में हेपेटाइटिस डी होता है। जो लोग पहले से एचबीवी वायरस के इन्फेक्टेड होते हैं वे ही इस वायरस से संक्रमित होते हैं। एचडीवी और एचबीवी दोनों के एक साथ होने के कारण स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है।
हेपेटाइटिस ई वायरस
हेपेटाइटिस ई होने का कारण हेपेटाइटिस ई वायरस (HEV) है। दुनिया के ज्यादातर देशों में हेपेटाइटिस के संक्रमण का यही कारण है। यह भी संक्रमित पानी और खाना के कारण फैलता है। इसके लिए काफी सेफ और कारगर इंजेक्शन बन चुके हैं लेकिन आमतौर नर इसका मिलना थोड़ा असंभव होता है।
यह भी जानें
3 हजार से ज्यादा लोग हर माह हो रहे हैं हेपेटाइटिस ए और ई के शिकार
2 महीने अधिकतम समय लेता है हेपेटाइटिस ए और ई वाइरस ठीक होने में
5 प्रकार के होते हैं हेपेटाइटिस के वाइरस
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया के हर तीसरे व्यक्ति को हेपेटाइटिस बी ने प्रभावित किया है।
निदान
लो फैट डाइट लें
पानी साफ पीएं
जूसए फल और सब्जी खाएं
सादा खाना खाएं
100 ग्राम ग्लूकोज जरूरी ह
बेड रेस्ट जरूरी है