मरीजों को नही दौडऩा होगा मेडिकल कॉलेज व बलरामपुर चिकित्सालय
लखनऊ। इस क्षेत्र के लोगों को चिकित्सा के लिए मेडिकल कॉलेज अथवा बलरामपुर चिकित्सालय की दौड़ लगानी पड़ती है जो कि इस चिकित्सालय के बनने के बाद यहीं पर सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। यहां विशेष रूप से महिलाओं को इस चिकित्सालय के बनने से काफी लाभ मिलेगा।
चिकित्सालय के बनने से आलमबाग और इसके आसपास की ढाई लाख की जनसंख्या को विशेषज्ञों की चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सकेगी। यह बात बुधवार को मंत्री, महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण तथा पर्यटन डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कही। इस दौरान चंदर नगर, आलमबाग में 50 शैय्या चिकित्सालय की आधारशिला रखी।
राशि सीधे मरीजों के खाते
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र अग्रवाल ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा गरीबों, पिछड़ों तथा अनुसूचित जाति के लोगों को चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीबी के रोगियों के लिए निक्षय पोषण योजना चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत सभी मरीजों को इलाज के साथ साथ 500 रुपए प्रति माह भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं। यह राशि सीधे मरीजों के खाते में दी जाती है।
पहली बार मां बनने वाली सभी गर्भवती को 5000
इसी प्रकार प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में पहली बार मां बनने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को 5000 रुपए की राशि दी जा रही है जो कि जननी सुरक्षा योजना में दी जा रही धनराशि के अतिरिक्त हैं। उन्होंने कहा की पूरे जनपद में पिछले 1 वर्ष में अनेक नए चिकित्सालयों का लोकार्पण होने से शहर के लाखों लोगों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद मिली है।
स्वास्थ्य विभाग ने लगाई प्रदर्शनी
स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें क्षय रोग, कुष्ठ रोग, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, आयुष्मान योजना तथा तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही आयुष्मान भारत योजना का एक स्टॉल भी लगाया गया था जिस में लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड भी बनाए जा रहे थे।
ये थे उपस्थित
इस अवसर पर मेयर डॉक्टर संयुक्ता भाटिया, भाजपा नेता नीरज सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. वीके सिंह, जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. पीके अग्रवाल, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एमके सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीके बाजपेयी, डॉक्टर सईदअहमद ,डॉ अनूप श्रीवास्तव, डॉ. आरवी सिंह, डॉ. आर के चौधरी, डॉक्टर केपी त्रिपाठी, डॉ. वाईके सिंह, जिला स्वास्थ्य शिक्षा सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी भी उपस्थित थे।