लखनऊ। अब स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में मरीजों का बेहतर इलाज हो सकेगा। मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में और बेहतर सुविधा मिलेगी। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को देखते हुए प्रशिक्षित स्वास्थ्य अधिकारियों की मदद ली जा रही है। आंकड़ों की मानें तो 27 फीसदी लोगों की मौत स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी होने के चलते हो जाती है। अब पीएचसी और सीएचसी के तहत आने वाले सब सेंटरों में नर्सेस अपनी सेवाएं देंगी। यह हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के नाम से जाना जाएगा।
सीएचओ का प्रशिक्षण
डफरिन और बलरामपुर अस्पताल ने मिलकर नर्स प्रशिक्षण मॉड्यूल को पूरा किया जा रहा है। अस्पताल में समुदाय स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) का प्रशिक्षण चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने बीस हजार से ज्यादा समुदाय स्वास्थ्य केन्द्रों को सुचारू ठंग से काम शुरू कर दिया है। इन केन्द्रों के लिए नर्सों की भर्ती पूरी हो गई है। प्रशिक्षण के बाद इन्हें उन पिछड़े इलाकों में भेजा जाएगा जहां स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने की जरूरत है।
यह सिखाया गया है
छह महीने के प्रशिक्षण में बीमारी, लक्षण और इलाज से संबंधित सभी जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण में दवाओं की जानकारी, बच्चों से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी, मरीज से जानकारी लेने का सही तरीका, बीमारी के लक्षण समझना और लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के सभी तरीके सिखाए जा रहे हैं।
भर्ती मरीजों की जांच की
डफरिन अस्पताल में चल रहे प्रशिक्षण में डॉल के डमी पर सिखाया जा रहा है कि बच्चे को पंप की मदद से कैसे सांस दी जाती है। प्रशिक्षण के दौरान सीएचओ ने डॉक्टरों की निगरानी में डफरिन में भर्ती मरीजों की जांच की। 21 दिसंबर को पहले बैच का प्रशिक्षण खत्म होगा। नए बैच की प्रशिक्षण अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते में शुरू किया जाएगा।
डॉक्टर ने कही से बात
डफरिन के डॉक्टर सलमान ने बताया कि गांव और पिछड़े इलाकों में समुदाय स्वास्थ्य केन्द्रों की मदद से लोगों की समस्याएं समझने में आसानी होगी, क्योंकि उन इलाकों में लोग स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के प्रति जागरूक नहीं हैं।