किसी बीमारी का इलाज हो या आपको फिट रहना हो तो योग- प्राणायाम से बढ़कर और कुछ भी नहीं। भारत के साथ ही साथ विदेशों में भी योग-प्रणायाम की मान्यता बढ़ी है। लेकिन योगाभ्यास को अपनाने वाले इस बात को लेकर दुविधा में रहते हैं कि उन्हें कितने आसन या प्राणायाम करने चाहिए। योगाभ्यास करने वालों के मन में कुछ सवाल आते हैं जिनके बारे में जानकर यदि वे इसे करेंगे तो उन्हें निश्चित तौर पर फायदा होगा। आइए जानते हैं उनके बारे में –
इन अभ्यास से रह सकते स्वस्थ
सामान्य व्यक्तियों के लिए 8-10 आसन पर्याप्त हैं, इससे ज्यादा की जरूरत नहीं होती है। इसी तरह प्राणायाम की बात करें तो दो-तीन तरह के पर्याप्त हैं। जैसे अनुलोम विलोम, नाड़ी शोधन प्राणायाम, शीतली प्राणायाम और भ्रामरी। ध्यान या योग निद्रा में से किसी एक का अभ्यास जरूर करें।
विषैले तत्त्व बाहर निकाले योग
आजकल तनाव से अधिक बिमारियां हो रही हैं। इनमें योग की शुद्दिकरण क्रिया से शरीर में जमा विषैले तत्त्वों को बाहर निकालते हैं। एंजायटी और डिप्रेशन को दूर करने में योग कारगर है। इसी तरह हृदय से जुड़े रोगों एवं हाइपरटेंशन जैसी समस्याओं के इलाज में प्राणायाम, ध्यान, योग निद्रा जैसी तकनीकें अत्यंत लाभदायक हैं। इसके साथ ही यह शरीर की कार्यक्षमता भी बढ़ती है।
शरीर बनता है मजबूत
जिन लोगों की ऊंचाई वाले स्थानों पर ऑक्सीजन की कमी से या अधिक तापमान वाले गर्म स्थानों पर तबीयत खराब हो जाती है, उन्हें भी योगाभ्यास से फायदा होता है। विषम परिस्थितियों में 3-4 महीने तक एक जगह रुकना मुश्किल होता है।एक शाेध के अनुसार सेना के जवानों का इस तरह की विषम परिस्थितियाें में काम करना हाेता है। जब उन्हाेंने योगाभ्यास किया तो उनकी शारीरिक क्षमता बढ़ गई साथ ही अन्य प्रकार के सेहतमंद फायदे हुए।
नोट – आप कौन – कौन से आसन और प्राणायाम कर सकते हैं। इसके लिए अच्छे योग विशेषज्ञ से अपनी समस्या और शारीरिक स्थिति बताकर सलाह लें। सीखने के बाद ही योग करें।