लखनऊ। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए कड़े कदम उठा रही है। इसी क्रम में सरकार ने सीएचसी और पीएचसी पर गुणवत्तापरक सामान्य प्रसव की सुविधा सुनिश्चित कराने पर सरकार का पूरा जोर दे रही है। इसके साथ ही प्रसव के दौरान और उसके बाद किसी भी मातृ एवं नवजात संबंधी जटिलताओं के निदान, प्रबंधन और संदर्भन पर भी फोकस किया जा रहा है।
6 दिवसीय दक्ष प्रशिक्षण
इन सारी व्यवस्थाओं को सही मायने में व्यवस्थित करने के लिए प्रसव केन्द्रों पर विशेष रूप से प्रशिक्षित नर्स मेंटर को तैनात किया जा रहा है। इसके तहत नर्स मेंटर को 6 दिवसीय दक्ष प्रशिक्षण नोएडा में टी॰ एन॰ ए॰ आई॰ द्वारा, तीन दिवसीय मण्डल स्तरीय दक्षता प्रशिक्षण और पांच दिवसीय प्रशिक्षण मेंटरिंग कौशल पर लखनऊ में उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपीटीएसयू) द्वारा प्रदान किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन – उत्तर प्रदेश के मिशन निदेशक की तरफ से अपर मिशन निदेशक जसजीत कौर ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर नर्स मेंटर के संबंध में दिये गए जिसमें दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने को कहा है।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी का सहयोग
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद नव चयनित नर्स मेंटर ब्लाक मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत स्टाफ नर्स और एएनएम की विधिवत मेंटरिंग और उनका आस्की आधारित योग्यता का मूल्यांकन करेंगे। प्रसव केन्द्रों पर गुणवत्तापरक सेवाएं प्रदान करने के लिए नर्स मेंटर द्वारा लक्ष्य चेक लिस्ट आधारित गैप-एनालिसिस और कार्य योजना तैयार करने में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी का सहयोग भी किया जाएगा।
पांच प्रमुख बिन्दुओं पर स्टाफ नर्स/एएनएम होंगी दक्ष
1. प्रसव केन्द्रों के समीप स्थान (ट्रायजिंग) को चिन्हित करने ताकि गर्भवती के आगमन और उनके खतरों की पहचान की जा सके, पार्टोग्राफ का उपयोग करते हुए प्रसव की निगरानी, प्रसव के तीसरे चरण का सक्रिय प्रबंधन, आवश्यक नवजात देखभाल व पुनर्जीवीकरण और प्रसव के चौथे चरण में मां और नवजात की निगरानी के बारे में स्टाफ नर्स/एएनएम को नर्स मेंटर दक्ष करेंगे।
2. नर्स मेंटर स्टाफ नर्स/एएनएम को प्रशिक्षित करने के अलावा संक्रमण नियंत्रण के तरीके जैसे-हाथ धोना, प्रसव संबंधी उपकरणों का स्ट्रेलायजेशन और बायो मेडिकल वेस्ट का प्रबंधन भी करेंगे। लेबर रूम और पोस्ट पार्टम वार्ड में क्रियाशील उपकरण और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित कराएंगे। नर्स मेंटर प्रसव केंद्र पर मां और नवजात की इंट्रा पार्टम और तत्काल पोस्ट पार्टम देखभाल के लिए जिम्मेदार होंगे।
3. नर्स मेंटर का कार्य समय प्रातः आठ बजे से शाम चार बजे तक रहेगा ताकि वह सुबह और दोपहर की दोनों पालियों के स्टाफ की मेंटरिंग कर सकें। अन्य स्टाफ नर्सों की तरह अपने तय कार्य समय में नर्स मेंटर द्वारा प्रसव कराये जाएंगे। नर्स मेंटर से केवल मातृ एवं नवजात शिशु कल्याण संबंधी ही कार्य लिए जाएंगे। नर्स मेंटर की पोस्टिंग ब्लाक मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या ब्लाक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर की जाएगी। नर्स मेंटर को उनके वेतन के अतिरिक्त पांच हजार रुपए प्रति माह की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
4. सूबे के 620 विकास खंडों (ब्लाक) में नर्स मेंटर की नियुक्ति की प्रक्रिया सन 2016 में शुरू की गयी थी, जिसमें से 556 नर्स मेंटर का चयन/नामांकन किया गया है। 64 खाली विकास खंडों में से 25 और नर्स मेंटर के नामांकन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालयों से प्राप्त हुए हैं, इस तरह कुल 581 नर्स मेंटर की इस समय सेवाएं ली जा रही हैं। अभी 39 ब्लाक के पद खाली हैं, जिसके लिए कार्यवाही चल रही है।
5. नर्स मेंटर के दक्ष प्रशिक्षण के दो चरण तय किए गए हैं (छ्ह दिवसीय प्रशिक्षण), जिनमें से दो राउंड आगामी सात दिसंबर को पूरा हो जाएगा। यह प्रशिक्षण टीएनएआई, नोएडा द्वारा प्रदान किया जाएगा। 338 नर्स मेंटर पहले से दक्ष की ट्रेनिंग पा चुके हैं। विभागीय प्रशिक्षण का दो दौर निर्धारित किया गया है, जिसमें 217 नर्सों को प्रशिक्षण दिया गया है। तीसरी मेंटरिंग कार्यप्रणाली पर पिछले चार नवंबर से ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है, जिसमें 15 नर्स मेंटर प्रशिक्षित किए गए हैं।