बहराइच। जिला अस्पताल मे मौतों की वजह से परिजनों में दहशत व्याप्त है। अलग-अलग बीमारियों की चपेट में आकर दम तोड़ रहे बच्चों को बचाने में चिकित्सक असफल दिख रहे हैं। यह मामला बहराइच के जिला अस्पताल का है। यहां सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराए गए दो नवजातों की मौत हो गई। वहीं अन्य बीमारियों से पीडि़त आधा दर्जन बाल रोगियों को भर्ती कराया गया है।
यह हुआ था
बता दें कि 24 घंटों में छह मासूमों की मौत होने से अस्पताल में भर्ती अन्य बच्चों के परिजन खासे परेशान हैं। पयागपुर थाना क्षेत्र के तिलकहवा गांव निवासी सत्यनारायण की पत्नी ने सोमवार को नवजात पुत्री गीता देवी को जन्म दिया। नवजात के जन्म लेते ही हालत बिगड़ गई। चिकित्सकों ने फौरन डॉक्टर के पास ले जाने को कहा। डॉक्टर ने गीता को बर्थ एस्फिक्सिया की बीमारी बताकर उसे एडमिट कर लिया। वहीं दूसरा मामला श्रावस्ती जिले के मनिकापुर खैरी निवासी घनश्याम की नवजात पुत्री अंशिका भी बर्थ एस्फिक्सिया से पीडि़त थी। जिला अस्पताल के पीआईसीयू में इलाज के दौरान दोनों नवजातों की मौत हो गई।
24 घंटे में 6 मौत
बहराइच जिला अस्पताल में भर्ती छह मासूमों की चौबीस घंटे में ही मौतें हुई हैं। जिला अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गयास अहमद ने बताया कि जरा सी भी लापरवाही मासूमों की जिन्दगी खतरे में पड़ सकती है। बच्चा अस्वस्थ होने पर फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए, जिससे उसे बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि बेहतर साफ-सफाई रखने से बच्चे को बीमारियों से बचाया जा सकता है।