लखनऊ। लिगामेंट इंजरी किसी को भी हो सकती है। घुटने के लिगामेंट चोटिल हो जाते हैं और छोटी-सी लगने वाली ये चोट बहुत तकलीफदेह होती है। जेकिन आपको यह जानकर खुशी होगी कि लिगामेंट के लिए आपको एलोपैथी का ही सहारा लेने की जरूरत नहीं है। होम्योपैथी में भी इसका कारगर इलाज संभव है। इस बारे में जानकारी दे रही हैं राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की प्राचार्य प्रो. हेमलता।
ऐसा करें
लिगामेंट बोन से बोन को जोड़ता है। हमें मालूम करने के लिए एक्स-रे करना होता है अगर उससे क्लीयर नहीं होता है तो बड़े स्कैन जैसे एमआरआई की जरूरत होती है। लिगामेंट से बचने के लिए नी रैन या एल्बो रैप का इस्तेमाल करें। इससे लिगामेंट होने का खतरा कम होता है। इसके अलावा यदि आप खेलकूद में रुचि रखते हैं तो किसी विशेषज्ञ की देख रेख में खेलकूद कर सकते हैं।
ये हैं दवाइयां
प्रो. हेमलता ने बताया कि होम्योपैथ विधा में बिना ऑपरेशन के भी लिगामेंट ठीक हो सकता है। होम्योपैथ में अरनिका, सिमफाइटम, रूटा, रेस्ट्रास्क, वेलाडोना जैसी दवाइयां लिगामेंट में सटीक दी जाती हैं।
… तब ऑपरेशन की संभावना
अस्पताल के इंचार्ज डॉ. वीपी वर्मा ने बताया कि लिगामेंट होने पर उसके खिचाव या दर्द का इलाज तो हौम्योपैथ में सटीक है लेकिन जो आपके हड्डी को जोड़े हुए है वो टूट जाए या बोन को छोड़ दे तो सर्जरी ही एक रास्ता बचता है। सर्जरी के बाद भी मरीज होम्योपैथ की दवा खा सकता है।