लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग में लम्बे समय से एक ही जगह कर्मचारियों की तैनाती पर अब सरकार सख्त हो गई है। सरकार का मानना है कि जब एक ही जगह पर कर्मचारी तैनात रहेगा तो वह अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए शासन ने वार्षिक स्थानांतरण नीति में बदलाव किया है।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव पंकज कुमार ने जारी शासनादेश में कहा है कि जिन लिपिकों की एक पटल पर 3 साल से ज्यादा तैनाती पूरी हो गई हो, उनको दूसरे पटल पर स्थानांतरित किया जाए, इसी प्रकार एक कार्यालय में कार्य करते हुए अगर 5 वर्ष का समय बीत गया हो तो कर्मचारी का स्थानांतरण दूसरे कार्यालय में कर दिया जाए। बदली हुई नीति के अनुसार सभी स्थानांतरण 30 जून तक कर लिए जाएंगे।
… तब नहीं होगा स्थानांतरण
शासनादेश के अनुसार इसके अतिरिक्त जिस कर्मचारी को 1 जिले में कार्य करते हुए 7 वर्ष बीत गए हों, उन्हें भी दूसरे जिले में तैनात कर दिया जाए। वहीं अगर लिपिक की एक ही मंडल में तैनाती को 10 वर्ष बीत गए हों तो उसकी तैनाती दूसरे मंडल में की जाए। इस आदेश के जारी होने के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। शासनादेश के अनुसार जिन प्रावधानों के अंतर्गत स्थानांतरण से मुक्ति मिलती है, वे प्रावधान यथावत रहेंगे यानी उन परिस्थितियों में आने वाले कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा।