लखनऊ। लगातार बढ़ रही गर्मी से निर्जलीकरण और दस्त को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चलाए जा रहे सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का समय बढ़ा दिया गया है। गौरतलब है कि यह पखवाड़ा जिले में 28 मई से 9 जून तक चलने वाला था। अब इसे बढ़ाकर अगस्त तक कर दिया गया है। यह जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक पंकज कुमार ने दी है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को डायरिया से बचाना है ताकि शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी लायी जा सके।
ओआरएस का एक पैकेट वितरित करें
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबन्धक सतीश यादव ने बताया कि यह पखवाड़ा 28 मई को शुरू हुआ था जो कि अब अगस्त तक चलेगा। जिले में आशाओं को दिशा निर्देश दिये गए हैं कि अपने कार्यक्षेत्र के अधीन गांव में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों वाले सभी घरों में जाकर लोगों को सलाह दें व साथ में जीवन रक्षक घोल (ओआरएस) का एक पैकेट प्रति बच्चे के अनुसार वितरित करें।
जिंक की गोली का भी वितरण
स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ आशा घर-घर जाकर बच्चों को चिन्हित कर रही है। चिन्हित किए गए परिवारों को ओआरएस के पैकेट के साथ-साथ जिंक की गोली भी दी जा रही है। इसके अतिरिक्त घर की साफ-सफाई के साथ अपने घर के आस-पास की सफाई, हाथ धोने के महत्व के बारेय में व हाथ कैसे धोएं , साफ पीने के पानी के उपयोग के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
यहां कर रहे प्राथमिकता से काम
सतीश ने बताया कि गृह भ्रमण के दौरान आशाएं ओआरएस का घोल बनाने का तरीका भी माताओं और परिवार के सदस्यों को सिखा रही हैं ताकि उन्हें घोल बनाने की जानकारी सही से हो सके। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर खानाबदोश, ईंट भ_ों आदि में काम करने वाले, निर्माण में लगे मजदूरों के परिवार, मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों के साथ इस पखवाड़े में प्राथमिकता के आधार पर काम किया जा रहा है। सतीश ने बताया कि ओआरएस और जिंक के उपयोग के बाद भी डायरिया से ग्रस्त बच्चा ठीक नहीं होता है तो उसे पास के स्वास्थ्य केंद्र पर अवश्य ले जाएं।
ऐसे होता है डायरिया : डॉ. सलमान
रानी अवन्तीबाई जिला महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान बताते हैं कि डायरिया होने का मुख्य कारण जीवाणु या रोगाणु होते हैं और जब ये रोगाणु या जीवाणु भोजन, पानी, हाथ या अन्य किसी माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचते हैं तो डायरिया हो जाता है। अत: हाथ धोने की आदत डालनी चाहिए, साफ पानी का सेवन व घर तथा उसके आस-पास सफाई का विशेष ध्यान रखें। ओआरएस का घोल डायरिया से बच्चे के शरीर में होने वाली पानी, नमक तथा अन्य पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। डायरिया के दौरान बच्चे को आयु के अनुसार स्तनपान व ऊपरी आहार अवश्य देते रहें। डॉ. सलमान बताते हैं कि डायरिया में बच्चे को ओआरएस के साथ जिंक की गोली भी 14 दिन तक देनी चाहिए। 2 माह से 6 माह के बच्चों को जिंक की आधी गोली (10 मिग्रा) व 6 माह से 5 साल तक के बच्चों को 20 मिग्रा की 1 गोली साफ पानी या दूध में घोलकर देनी चाहिए। बगैर किसी चिकित्सक की सलाह के एंटीबायोटिक नहीं देनी चाहिए।