लखनऊ। टीबी के मरीजों को खोजने के लिए खोजो अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान स्लम एरिया, घनी आबादी, औद्योगिक क्षेत्रों में 10 जून से चलाया जा रहा है। 10 दिन में अब तक 118 मरीजों की खोज हो चुकी है। विशेषज्ञों की मानें तो एक टीबी का मरीज की लापरवाही से 15 स्वस्थ लोगों को टीबी का रोग हो जाता है। गौरतलब है कि खोजे गए मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है और इन्हें बताया गया है कि किस तरह दूसरों को संक्रमण न हो।
अभियान में 250 टीमें
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में सीएमओ डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि घर-घर टीबी के मरीज खोजने के अभियान में हमारी 250 टीमें लगी हैं। उन्होंने बताया टीम में शामिल लोग घरों का दौरा कर यह खोजते हैं कि किस परिवार में व्यक्तियों में टीबी के लक्षण हैं, जिनमें टीबी के लक्षण पाये जाते हैं उनका बलगम टेस्ट किया जाता है।
टीबी रोगियों को 500 रुपये प्रतिमाह की धनराशि
जिला टीबी अधिकारी डॉ बीके सिंह ने बताया कि 4,30,000 की जनसंख्या में टीबी के लोगों को चिन्हित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 1560 लोगों में टीबी के लक्षण पाये गये, इन लोगों का बलगम टेस्ट किया तो 118 लोगों में टीबी पॉजिटिव पायी गयी। इन सभी का इलाज शुरू कर दिया गया है तथा योजना के तहत टीबी रोगियों को 500 रुपये प्रतिमाह की धनराशि प्रदान की जा रही है।
नहीं दी जानकारी के कार्रवाई
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत निजी चिकित्सक जो टीबी के मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उन्हें इसका नोटिफिकेशन सीएमओ कार्यालय में कराना अनिवार्य है, ऐसा न करने पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि जबसे अभियान शुरू हुआ है तब से निजी क्षेत्रों के चिकित्सकों द्वारा 1161 मरीजों के बारे में सूचना दी गई है।