गुवाहटी। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने यहां असम सरकार के अटल अमृत अभियान को लांच करने के बाद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ऐसी स्वास्थ्य कवरेज योजनाओं को बनाने की जरूरत है, जो युवाओं, वृद्धजनों तथा दिव्यांग व्यक्तियों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को कवर कर सकें।
इस स्वास्थ्य बीमा के अंतर्गत 3.2 करोड़ लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा मुहैया कराई जाएगी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता ऐसी होनी चाहिए जो सेवा प्राप्त करने वालों के स्वास्थ्य में सुधार कर सके।
उन्होंने कहा कि लोगों को वित्तीय जोखिम से बचाया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वित्तीय नुकसान के जोखिम पर लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग न करना पड़े।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आधुनिक जीवन शैली से अनेक गैर-संक्रमणकारी बीमारियां हो रही हैं। ऐसी बीमारियों को रोकने की जरूरत है क्योंकि यह बीमारियां युवाओं को चपेट में ले रही हैं।
उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों की ओर से अनियमति जीवनशैली के खतरों, जंक फूड के उपयोग और शराब तथा तम्बाकू से होने वाले नुकसान के प्रति जागरुकता पैदा करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने स्कूली पाठ्यक्रमों में बदलाव पर बल दिया और कहा कि इनमें एनसीडी के पाठ्य भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए शारीरिक अभ्यास को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। जहां कही संभव हो बच्चों को योगासनों की शिक्षा दी जानी चाहिए।
नायडू ने कहा कि भारत के शेष भागों की तरह ही पूर्वोत्तर राज्य ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्साकर्मियों और चिकित्सा सुविधाओं का अभाव झेल रहे है। उन्होंने कहा कि यह खाई अधिक से अधिक मेडिकल कॉलेज खोलकर और ग्रामीण इलाकों में अधिक संख्या में स्वास्थ्य सुविधाएं स्थापित करके पाटी जा सकती है।