लखनऊ। स्वास्थ्य सेवा को लेकर सरकार प्रभावी कदम उठा रही है। मरीजों को बेहतर सुविधा देने और दवाओं में हो रही गड़बड़ी भी रुकेगी। इसके लिए सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज जल्द ही ऑनलाइन होंगी। आपको बता दें कि मरीज अपनी पर्ची ऑनलाइन बुक कर सकेंगे और ऑनलाइन ही शुल्क भी जमा कर सकेंगे।
मेडिकल कॉलेजों का सर्वे कराया
यही नहीं मरीजों को डॉक्टरों की सलाह भी ऑनलाइन देने की तैयारी है। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग स्वास्थ्य विभाग सभी मेडिकल कॉलेजों को ई-हॉस्पिटल योजना से जोड़ेगा। विभाग की ओर से लोकल एरिया नेटवर्क (लैन) डालने के लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) ने सभी मेडिकल कॉलेजों का सर्वे कराया है।
यह होगा
ई-हॉस्पीटल योजना लागू होने से मेडिकल कॉलेजों में दवाओं के खेल पर भी रोक लगाने की तैयारी है। दवाओं का पूरा ब्योरा ऑनलाइन किया जाएगा। किसे कितनी और कब दवाएं दी गईं, मरीजों को कितनी दवाएं या इंजेक्शन दिए गए। इसकी सूचना भी अपलोड की जाएगी। डॉक्टरों, कर्मचारियों का ब्योरा भी ऑनलाइन होगा। उनकी ड्यूटी आदि भी इसके माध्यम से लगेगी। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा केके गुप्ता ने बताया कि एकेटीयू ने सर्वे पूरा कर लिया है। इस काम पर आने वाले खर्च का ब्योरा बनाया जा रहा है। इसे शासन को सौंपकर बजट मांगा जाएगा। इसके बाद लैन का काम शुरू कर दिया जाएगा।
यह होना है
इस योजना को अमल में लाने के लिए जल्द ही एक त्रिपक्षीय समझौता किया जाएगा, जो स्वास्थ्य विभाग, एनआईसी व एकेटीयू के बीच होगा। एनआईसी सा टवेयर उपलब्ध कराएगा और एकेटीयू तकनीकी सहयोग देगा। विभाग की ओर से इसका पूरा काम कराया जाएगा।
ये कॉलेज हैं शामिल
बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद, एमएलबी मेडिकल कॉलेज झांसी, जेके कैंसर इंस्टीट्यूट कानपुर, गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कानपुर, कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट, सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज आगरा, लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज मेरठ शामिल हैं। एकेटीयू ने इनका सर्वे कर अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को दे दी है। इसमें फाइबर ऑप्टिकल डालने, कितने स्विच, डिस्ट्रीब्यूशन लाइन, एक्सेस प्वाइंट आदि की जानकारी दी गई है।