लखनऊ। केजीएमयू में जनरल सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने महीन सुराख से ऑपरेशन कर कैंसर से पीडि़त की जान बचाने मे कामयाबी पाई है। लैप्रोस्कोप से पांच अंगों में फैले कैंसर को ऑपरेशन कर बाहर निकाला। अभी तक पेट की बीमारी से पीडि़त मरीज को करीब 20 सेंटीमीटर का चीरा लगाकर ऑपरेशन किया जाता था लेकिन महीन सुराख से ऑपरेशन से संक्रमण की संभावना 90 फीसदी तक कम हो गई है।
गोरखपुर निवासी दुर्गा प्रसाद (45) को दो महीने पहले पीलिया की शिकायत हुई थी। परिजन स्थानीय अस्पतालों में इलाज कराया। वहीं स्थानीय डॉक्टरों ने पेट के कैंसर की आशंका जाहिर की। परिजन बिना देर किए मरीज को केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग में लेकर पहुंचे। मरीज का ऑपरेशन जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. अवनीश कुमार के निर्देशन में किया गया।
डॉक्टर ने कही ये बात
डॉक्टर अवनीश ने बताया कि एंडोस्कोपी और बायोप्सी जांच कराने पर कैंसर की पुष्टि हुई। चिकित्सा विज्ञान में इस बीमारी को पेरी एम्पुलरी डयूडेनम कार्सिनोमा कहते हैं। उन्होंने बताया कि पैंक्रियाज, छोड़ी आंत और पित्त की नली आपस में जहां जुड़ती है उस हिस्से में कैंसर पनप रहा था।
उन्होंने बताया कि अभी तक पेरी एम्पुलरी डयूडेनम कार्सिनोमा के ऑपरेशन में पेट में 20 सेंटीमीटर का चीरा लगाया जाता था। इस कारण दूरबीन विधि से यह ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण होता है। विभाग में पहली बार इस बीमारी का लैप्रोस्कोप से ऑपरेशन हुआ। मरीज के पेट में छह सुराख किए गए। ऑपरेशन के दूसरे दिने ही मरीज चलने लगा।
ये है डॉक्टरों की टीम
इस ऑपरेशन में प्रो. डॉ. अवनीश कुमार, डॉ. मनीष कुमार अग्रवाल, डॉ. अक्षय आनन्द, डॉ. संदीप वर्मा, डॉ. अजय पाल ने दिया। यह ऑपरेशन सर्जरी जनरल के प्रो. व विभागाध्यक्ष डॉ. एए सोनकर, डॉ. अभिषेक, डॉ. अंकित, डॉ. प्रसून, डॉ. धीरेन्द्र, डॉ. अनुराग, डॉ. कलीम, डॉ. अभिषेक, डॉ. नियतांक शामिल थे। आपरेशन में निश्चेतना प्रोफेसर रजनी कपूर, डॉ. प्रेम राज सिंह, डॉ. सौरभ सिंह, डॉ. अपूर्णा, डॉ. प्रज्ञा, परिचारिका, सिस्टर सुर्भि वर्मा, ममता देवी, ओटी टेक्नीशियन रूपेश सिंह, फैजान हैदर, महेन्द्र सैैनी, सुनील सोनकर, आशीष कुमार का योगदान रहा।