लखनऊ। देश को कुपोषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से सितम्बर को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस माह की थीम है ‘पूरक आहारÓ। बच्चे को सुपोषित व स्वस्थ रखने के संबंध में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
स्वस्थ जीवन की नींव 1000 दिन
जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेन्द्र दुबे बताते हैं कि यदि हम मां और शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के बारे में बात करें तो बच्चे के जन्म के दो साल तक यानि गर्भावस्था के 270 दिन और बच्चे के जन्म के दो साल तक यानि 730 दिन तक कुल 1000 (270+730) दिनों तक मां व बच्चे को सही पोषण मिले तो बच्चे के शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ-साथ रोगों से लडऩे की क्षमता में वृद्धि होती है जिससे बच्चा स्वस्थ जीवन व्यतीत करता है। यह 1000 दिन बच्चे के स्वस्थ जीवन की नींव रखते हैं।
आयरन की 180 गोलियों का नियमित करें सेवन
बाल विकास परियोजना अधिकारी सरोज पांडे बताती हैं कि बच्चे के मस्तिष्क का सबसे अधिक विकास गर्भावस्था से लेकर दो वर्ष की आयु में होता है। इसलिए मां को अपनी गर्भावस्था का दौरान विशेष ध्यान रखान चाहिए उसे फोलिक एसिड, प्रोटीन व विटामिन बी-12 का जैसे पोषक तत्वों की विशेष जरूरत होती है। आयरन की 180 गोलियों का नियमित सेवन करना चाहिये ताकि न उसमें और न ही बच्चे में खून की कमी होने पाये। आयरन की गोलियों का नियमित सेवन करना चाहिये। मां को 4 प्रसव पूर्व जांचें करानी चाहिए और प्रसव अस्पताल में ही कराना चाहिए।
6 माह तक शिशु को केवल मां का दूध
रानी अवन्तीबाई जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान बताते हैं कि 1000 दिनों के दौरान स्वास्थ्य की उचित देखभाल, पर्याप्त पोषण, प्यार भरा व तनावमुक्त माहौल और सही देखभाल बच्चे का पूरा विकास करने में मदद करते हैं। डॉ. सलमान बताते हैं कि बच्चा स्वस्थ व सुपोषित तभी रह सकता है जब जन्म लेते ही उसे उचित पोषण मिले अर्थात जन्म के एक घंटे के भीतर नवजात को मां का दूध पिलाना चाहिए, मां के दूध से पहले उसे कुछ भी नहीं देना चाहिए, कोलोस्ट्रम (खीस) अवश्य देना चाहिए तथा 6 माह तक शिशु को केवल मां का दूध पिलाना चाहिए। जन्म से लेकर 2 साल तक बच्चे को सभी आवश्यक टीके समय से लगवाने चाहिए। बच्चे को 9 माह का पूरा होने पर उसे विटामिक ए की खुराक अवश्य देनी चाहिए। 6 माह का पूरा होने के बाद ऊपरी आहार शुरु कर देना चाहिए।
बच्चे को दें ये आहार
डॉ. सलमान ने बताया कि 6-8 माह के बच्चे को दिन में 6 बार स्तनपान के साथ 2-3 बार नरम दलिया, गाढ़ी दाल, खीर मसली हुई सब्जी, फल, मक्खन, तेल व घी (250 ग्राम की कटोरी से आधी कटोरी) बच्चे को खिलाना चाहिए। 9-11 माह के बच्चे को दिन में 6 बार स्तनपान के साथ 3 बार खाने व 1 बार नाश्ते में नरम दलिया, गाढ़ी दाल, चावल, सब्जी, खीर मसली हुई सब्जी, फल, उबला हुआ अंडा, मक्खन, तेल व घी (250 ग्राम की कटोरी से पौन कटोरी) खिलाना चाहिए । 12-24 माह के बच्चे को दिन में 4-6 बार स्तनपान के साथ 3 बार खाने व 2 बार नाश्ते में नरम दलिया, गाढ़ी दाल, चावल, सब्जी, खीर मसली हुई सब्जी, फल, उबला हुआ अंडा, मक्खन, तेल व घी, मांस, मछली/कलेजी 250 ग्राम की कटोरी से पूरी कटोरी खिलानी चाहिए।