लखनऊ। माहवारी के लेकर आज भी समाज में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। इसे खत्म करके जागरुकता लाना जरूरी है। हम आज से फैली भांतियों को खत्म कर देंगे। ऐसा कहना है केजीएमयू के सीओई-एएचडी ममता सिंह का। माहवारी स्वच्छता दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को हजरतगंज स्थित एक होटल में कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अपने शरीर की सुरक्षा हम स्वयं करेंगे।
कब बदलें पैड या कपड़ा
माहवारी के समय पैड या लगाए गए कपड़ों को लेकर उन्होंने कहा कि 4 से 6 घंटे में बदल लेना चाहिए। अगर किशोरियां ऐसा नहीं करती हैं तो वो बीमारी का शिकार हो जाएंगी। सफाई इसमें बहुत महत्वपूर्ण होती है इसलिए रोज नहाना चाहिए। आज भी कुछ जगहों पर ऐसा माना जाता है कि माहवारी के दौरान नहीं नहाना चाहिए जबकि स्वच्छता बहुत जरूरी है।
कुछ ऐसा रहा है पहले का जमाना
ये भांतियां ही हैं कि नहाने से बच्चेदानी में सूजन आ जाएगी। बाल धोने से माहवारी बंद हो जाएगी। माहवारी में नहाने, मंदिर में पूजा या खान बनाने को लेकर ममता सिंह ने कहा कि पहले के समय में लोग तालाब में नहाने जाया करते थे। माहवारी के दौरान तालाब का पानी गंदा होने का डर रहता था। क्योंकि नहाना भी उसी पानी में और घरों के बर्तन, कपड़े धोने का भी पानी वहीं इस्तेमाल किया जाता था।
अंधविश्वास है सब
जब आप नहाएंगे नहीं तो पूजा भी नहीं कर सकते। खाने बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि माहवारी के समय गंदगी यानि कि संक्रमण का खतरा रहता है। आप अपने हाथों से पैड या कपड़ा बदलते हैं नहानेकी मनाही है जिससे कि आपके शरीर, हाथों और नाखूनों में कीटाणु जमा हो जाएंगे। इस गंदगी के चलते खाना बनाने से मना किया जाता था। यह सब एक अंधविश्वास रहा है जो अभी तक चला आ रहा है। हमें इसे खत्म करना होगा।
किशोरियों से सवाल-जवाब
ममता सिंह के सामने करीब 50 किशोरियां मौजूद थीं। उन्होंने पूछा कि माहवारी के समय कितना खून हमारे शरीर से निकलता है। कई किशोरियों ने इसका जवाब दिया लेकिन सही जवाब था कि दो से सात दिनों में शरीर से 35 से 50 मिली खून शरीर से रिस्ता है। एक किशोरी ने पूछा कि माहवारी के समय मुहांसे क्यों निकलते हैं। ममता सिंह ने जवाब दिया कि इस दौरान शरीर में हार्मोन्स बदलते हैं, इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। आहार पर विशेष ध्यान दें, जैसे कि आयरनयुक्त भोजन करें, चना, मूंगफली, मौसमी फल, दाल, गुड़ का सेवन करें।
पेट में दर्द क्यों
कार्यक्रम में आई एक किशोरी ने पूछा कि माहवारी के समय पेट में दर्द क्यों होता है। ममता सिंह ने कहा कि माहवारी के समय बच्चेदानी सिकुड़ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि रक्त का स्राव होता है। दर्द को ठीक करने के लिए ममता सिंह ने मौजूद किशोरियों को एक्सरसाइज भी बताया कि पेट दर्द और कमर दर्द को कैसे दूर करें।