लखनऊ। बच्चों की दस्त से होने वाली मृत्यु दर में कमी लाए जाएगी। इसके लिए प्रदेश में 28 मई से 9 जून तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जा रहा है। इस पखवाड़े में जनसाधारण एवं स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जायेगा। यह बात उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंगलवार को वीरांगना अवन्तीबाई महिला चिकित्सालय गोलागंज लखनऊ में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का शुभारंभ के दौरान कही।
किया जाएगा जागरूक
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैम्पेन चलाकर वेक्टर बार्न डिजीज, एईएस एवं जेई पर नियंत्रण किया गया। इसी प्रकार दस्त नियंत्रण पखवाड़े के माध्यम से इस पर भी पूर्ण नियंत्रण प्राप्त किया जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पखवाड़े के तहत इस रोग पर नियंत्रण के लिए लोगों को को विभिन्न तरीकों से जागरूक किया जायेगा।
किया जा सकता है नियंत्रण
इस रोग से बचाव एवं रोकथाम के लिए विशेष प्रकार से रणनीति बनाकर इस पर पूर्ण नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आवश्यक है कि कार्यक्रम के उद्देश्यों के विषय में स्पष्ट एवं सकारात्मक दृष्टिकोण बनाया जाये। वर्ष 2019-20 में दस्त के कारण होने वाली बाल मृत्यु दर को शून्य पर लाना स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है।
जेई तथा एईएस से होने वाली मौतों में 67 फीसदी की कमी
कार्यक्रम के कक्ष में ओआरएस कॉर्नर भी बनाया गया था। जहां अवंती बाई महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सलमान ने प्रदर्शित किया कि ओआरएस का घोल कैसे बनाया जाता है और बच्चों में पानी की कमी होने पर क्या लक्षण होते हैं। मंत्री ने ओआरएस कॉर्नर की तारीफ की। उन्होंने कहा कि जेई तथा एईएस से पहले बहुत बच्चे मरते थे लेकिन हम लोगों ने बहुत कैंपेन चलाकर इसमें 67 फीसदी की कमी कर दी है।
इन्हें दी जाए प्राथमिकता
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि अभियान के तहत जनजागरण के लिए अति संवेदनशील क्षेत्र-अरबन स्लम, हार्ड टू रीच एरिया, खानाबदोश तथा निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही जनपद के ऐसे क्षेत्र जहाँ पूर्व में डायरिया आउट ब्रेक हुआ हो एवं बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों को भी प्राथमिकता दी जाय। इस रोग की रोकथाम के लिए अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को जागरूक किया जाय।
ये थे मौजूद
कार्यक्रम में महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. पद्माकर सिंह, महानिदेशक, परिवार कल्याण डॉ. नीना गुप्ता, सीएमओ लखनऊ, डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल, निदेशक, राम मनोहर लोहिया अस्पताल डॉ. डीएस नेगी, निदेशक, सिविल अस्पताल डॉ. एच.एस. दानू, निदेशक, बलरामपुर अस्पताल डॉ. राजीव लोचन आदि उपस्थित थे।