लखनऊ। केजीएमयू के डॉक्टरों ने पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले चाइनीज मांझे से घायल हुई युवती की जान बचाई। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वेद प्रकाश ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इसका उद्देश्य लोगों को चाइनीज मांझे से होने वाले नुकसान के प्रति आगाह किया।
गर्दन लगभग 40 फीसदी कट चुकी थी
राजधानी में कुछ दिनों पहले हुई घटना के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि 25 दिसम्बर को बालागंज की रहने वाली ( 20) सुरभि वर्मा, बीएससी की छात्रा बर्लिंगटन से अपनी सहेली के साथ गुजरते वक्त चाइनीज मांझा का शिकार हुई थी। चाइनीज मांझे से गला काटने की वजह से वह लहूलुहान हुई युवती की सांस नली और खाने की नली भी कटकर चिपक गयी थी। इससे उसकी गर्दन लगभग 40 फीसदी कट चुकी थी, जोकि उसे पहले घायल अवस्था में सिविल अस्पताल लायी गयी युवती को ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया था।
दोनों फेफड़ों को साफ किया और जान बचाई
जहां डॉ. वेद प्रकाश की अगुवाई में डॉक्टरों की टीम ने उसकी सांस नली में ट्रैकिया ऑस्ट्रोमी नली लगाकर ब्रॉकोस्कोपी के माध्यम से दूरबीन डालकर दोनो फेफड़ों को साफ किया और जान बचाई। लगभग 20 दिनों तक युवती का इलाज किया और आज वो एकदम स्वस्थ हैं। डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक सुरभि की सांस नली से खून आहार नली इसोफेहस से भोजन फेफड़े में जा रहा था।
ऐसे में प्लास्टिक सर्जरी ट्रामा सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने सांस व आहार नली को अलग कर सर्जरी की, फिर गर्दन के निचले हिस्से पर जहां सास नली कट गई थी, उसके पास ट्रैकियाऑस्ट्रोमी नली डालकर सांस नली में जा रहे खून को रोका और सांस का रास्ता बनाया। इसी ट्रैकियाऑस्ट्रोमी नली को वेंटीलेटर से जोड़ दिया गया।