लखनऊ। मंगलवार को फाइलेरिया नियंत्रण एवं मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन पर मीडिया कार्यशाला का आयोजन एक स्थानीय होटल में किया गया। कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी व सेंटर फॉर एडवोकेसी एवं रिसर्च के सहयोग से किया गया।
घर-घर जाकर खिलायी जायेगी दवा
इस अवसर पर एसीएमओ डॉ. केपी त्रिपाठी ने बताया कि 14 से 18 नवम्बर तक जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के तहत घर-घर जाकर दवा खिलायी जायेगी। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, एएनएम, आशा बहुओं व कई सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं की टीमें बनायी गयी हैं। अभियान की प्रतिदिन व अंत में समीक्षा की जाएगी।
इसमें 33 यूनिटों के तहत 4600 टीमें बनायी गयी हैं, जिनमें चार से पांच लोग शामिल हैं। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोड़कर हर किसी को यह दवा खिलाई जाएगी। ये अभियान लखनऊ सहित प्रदेश के 20 जिलों में चलेगा।
यहां चलेगा अभियान
कानपुर देहात, कानपुर नगर, औरैया, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, प्रयागराज (इलाहाबाद), फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, लखीमपुरखीरी, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, गाजीपुर, मिर्जापुर, सुलतानपुर व चंदौली। एक सवाल के जवाब में डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के कंट्रोल रूम का नम्बर है 0522-2622080 व उनका मोबाइल नम्बर 9415795809 है, किसी परेशानी की सूरत में या किसी जानकारी के लिए इन नम्बरों पर संपर्क किया जा सकता है।
फाइलेरिया एक गंभीर संक्रामक रोग
जिला मलेरिया अधिकारी डीएन शुक्ला ने बताया कि फाइलेरिया या हाथी-पांव एक गंभीर संक्रामक रोग है जो मच्छरों के काटने से होता है। सरकार इसके लिए 2004 से अभियान चला रही है। उसमें दो दवाएं खिलायी जाती हैं उसे खाली पेट नहीं खाना है। एक डीईसी व दूसरी अल्बेंडाजोल। 2 से 5 साल के बच्चों को एक गोली, 6 से 14 साल के बच्चों को दो गोली व 15 साल व उससे ऊपर के लोगों को 3 गोली एक साथ खाना है।
ये बीमारी 10 साल बाद अपना प्रभाव दिखाती है, इसलिए इसे सभी लोग जिन्हें कोई लक्षण न भी दिख रहा हो, तब भी दवा खाना जरूरी है। पीसीआई के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर ध्रुव प्रकाश सिंह और जीएचएस के डॉ. अमनदीप ने बताया कि सोशल मीडिया के सहयोग से लगभग 65 फीसद लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है।
ग्राम लौलई में फाइलेरिया के दो केस
कार्यशाला में शामिल हुए ग्राम लौलई ब्लाक चिनहट के ग्राम प्रधान उमेश कुमार यादव व आंगनबाड़ी कार्यकत्री फाटका बेगम ने जमीनी सच्चाइयों से रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि जबानी कहने पर लोगों पर असर कम होता है लेकिन जब वही बात अभियान संबंधी ब्रोशर या कार्ड के माध्यम से कही जाये तो अधिक प्रभाव पड़ता है। लोग अब हमारे सामने दवा खा लेते हैं। ग्राम लौलई में फाइलेरिया के दो केस मिले हैं। प्रधान यादव ने बताया कि जागरूकता के लिए घर-घर जाने के अलावा धर्मगुरुओं से भी सहयोग की अपील की जायेगी।