शेल्टर होम व धार्मिक स्थलों में भी चलाया जा रहा है यह अभियान
लखनऊ। जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए क्षय रोगियों की खोज के लिए सात जनवरी से अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। अभियान में लगभग 850 स्वास्थ्यकर्मी, लगभग 25 टीमें व लगभग 55 सुपरवाइजर लगाए गए हैं, जो कि घर-घर जाकर लोगों को टीबी के लक्षण बता रहे हैं।
जिले में लगभग 5.20 लाख जनसंख्या है, जिसमें लगभग 3.28 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर लगभग 1536 लोगों का बलगम जांच के लिए भेजा गया। शनिवार तक लगभग 64 टीबी के मरीज पाये गए हैं, जिनका इलाज शुरू कर दिया गया है।
जागरूक किया जाएगा
प्रत्येक मरीज चाहे वह सरकारी अस्पताल का हो या प्राइवेट अस्पताल का, उसके खाते में निश्चय पोषण योजना के तहत 500 रुपए प्रति माह भेजे जा रहे हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर शहर के लगभग 10-12 बड़े मंदिरों व मस्जिदों में आने वाले गरीबों व भिखारियों को टीबी के बारे में जागरूक किया जाएगा व उनकी टीबी की जांच भी की जाएगी।
शेल्टर होम्स में स्क्रीनिंग
नगर निगम द्वारा संचालित लगभग 23 शेल्टर होम्स में रात में टीम द्वारा विजिट कर टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग की जा रही है और उन्हें टीबी के बारे में जागरूक किया जा रहा है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. बीके सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 2020 तक टीबी मुक्त करने के अभियान में जिन 10 जिलों का चयन किया गया है उसमें लखनऊ भी है। इस क्रम में जिले में वृहद स्तर पर इस तरह के अभियान नियमित रूप से चलाये जाएंगे।
ऐसे फैलता है
यह बीमारी हवा के जरिये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। हवा में इसके जीवाणु कम से कम 5 घंटे तक और उससे भी अधिक जीवित रहते हैं। यह बीमारी हवा के जरिये बहुत तेजी से और आसानी से फैलती है। खांसी को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।