लखनऊ। फेफड़े के कैंसर के कई मरीज सामने आ रहे हैं। फेफड़े के कैंसर के लक्षण काफी हद तक टीबी की तरह होते हैं। कई मरीज ऐसे भी आते हैं जिन्हें फेफड़े का कैंसर होता है और इलाज टीबी का चल रहा होता है। जो दवाएं चलती हैं उसकी वजह से टीबी की दवाओं से मरीजों को राहत नहीं मिलती है। यह जानकारी पीजीआई रीजनल कैंसर सेंटर की डॉ. सुषमा अग्रवाल ने दी।
फेफड़े का कैंसर महिला के मुकाबले पुरुषों में अधिक
फेफड़ा कैंसर जागरुकता माह के दौरान कार्यशाला में डॉ. सुषमा अग्रवाल ने बताया कि फेफड़ों के कैंसर के मामले तेजी से आ रहे हैं, प्रदूषण भी इसकी वजह हो सकता है। उन्होंने कहा कि फेफड़े के कैंसर के लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते हैं। कैंसर अंतिम अवस्था में होता है तब उसके लक्षण सामने आते हैं। फेफड़े का कैंसर महिला के मुकाबले पुरुषों में अधिक होता है। बताया कि टीबी का इलाज बलगम जांच रिपोर्ट के आधार पर ही शुरू करना चाहिए। इलाज से एक माह के भीतर मरीज की सेहत में सुधार नजर आता है। यदि लक्षण बरकरार रहें तो मरीज को फौरन कैंसर की जांच करानी चाहिए।
कैंसर के लक्षण
लंबे समय तक खांसी, छाती में दर्द, भूख न लगना, बिना वजह वजन में कमी, खांसी के साथ खून आना, सांस फूलना और आवाज में भारीपन है।