लखनऊ। क्वीनमेरी अस्पताल में गुरुवार को दोपहर करीब तीन बजे अचानक ही लिफ्ट में से महिलाओं की चीख-पुकार सुनाई देने लगी। क्योंकि बिजली जाने की वजह सेे लिफ्ट में महिलाएं फंस गई थी।
इसमें दो गर्भवती के साथ तीन तीमारदार भी थे। 10 मिनट तक चीख-पुकार पर सुनवाई ना होने के 15 मिनट बाद बिजली व्यवस्था बहाल होने पर लिफ्ट का संचालन शुरू हुआ। वहीं बेहोशी की हालत में दो गर्भवती महिलाओं को बाहर निकाला गया। इसमें सीतापुर की जागृति शामिल हैं। इसके कुछ दिन पूर्व एसजीपीजीआई में भी लिफ्ट बंद होने से लोग बंद हो गए थे।
इमरजेंसी बटन भी दबाया पर अलार्म नहीं बजा
क्वीनमेरी में गर्भवती के साथ गंभीर बीमारियों से पीडि़त महिलाओं को भर्ती किया जाता है। गुरुवार को शाम करीब साढ़े तीन बजे लिफ्ट ऊपर से नीचे आ रही थीं तभी बत्ती गुल हो गई। लिफ्ट बीच में ही फंस गई। लिफ्ट में दो गर्भवती महिलाएं व तीन तीमारदार थे। आरोप हैं कि सायरन के लिए इमरजेंसी बटन भी दबाया पर अलार्म नहीं बजा। शोर सुनने के बाद कर्मचारी आए। लिफ्ट खोलने की कोशिश की। 15 मिनट की जद्दोजहद के बाद बिजली आई।
उठ रहा सवाल
बिजली गुल होते ही लिफ्ट फंसने से पूरी व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है। क्योंकि लिफ्ट के लिए जनरेटर बैकअप होता है। लेकिन केजीएमयू की अधिकांश लिफ्ट बिजली गुल होते ही अटक जाती है।