लखनऊ। आज भी धूम्रपान से होने वाले नुकसान के प्रति लोगों को विभिन्न योजनाओं और जागरुकता अभियान चलाए जाने के बावजूद ज्यादातर लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग द्वारा लंग कैंसर के विषय पर शनिवार को Non Small Cell Lung Cancer कार्यशाला का आयोजन कलाम सेंटर में किया गया।
इलाज संभव है
इस अवसर पर कार्यक्रम के विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने फेफड़ेे के कैंसर के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए इसके लिए मुख्य रूप से धूम्रपान को जिम्मेदार बताया। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में फेफड़ेे के कैंसर के उपचार के लिए कई बेहतर तकनीक उपलब्ध है और अगर इस बीमारी के बारे में सही समय पर पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है।
कैंसर के इलाज में आसानी
केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने फेफड़े के कैंसर के कारणों तथा उसके निदान व उपचार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यदि फेफड़े के कैंसर के बारे में जल्द जानकारी हो जाए तो उसका उपचार करने में आसानी होती है और मरीज को भी जटिल चिकित्सा प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता है। साथ ही डॉ. शिवराजन ने बताया कि फेफड़े के कैंसर का शुरूआती चरण में ऑपरेशन करके मरीज को कैंसर मुक्त किया जा सकता है और यह ऑपरेशन अब केजीएमयू में दूरबीन विधि से बिना के दर्द के संभव है।
दूरबीन विधि और रोबोटिक सर्जरी के बारे में जानकारी दी
इस अवसर पर मुंबई के कोकीलाबेन अस्पताल के डॉ. राजेश मिस्त्री ने फेफड़े के कैंसर में दूरबीन विधि और रोबोटिक सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस विधि से मरीज का उपचार किए जाने से वह पहले के मुकाबले जल्दी स्वस्थ होता है। केजीएमयू श्वांस विभाग के डॉ. राजीव गर्ग ने फेफड़े के कैंसर में ब्रोकोंस्कोपी के बारे मेें जानकारी देते हुए बताया कि इस विधि के माध्यम से फेफड़े के कैंसर में बारे में जल्द पता लगाया जा सकता है, जिससे मरीज के उपचार में आसानी होती है।
इन्होंने यह दी जानकारी
इस अवसर पर एसजीपीजीआई से आए डॉ. नीरज रस्तोगी ने कीमोरेडिया थेरेपी एवं राम मनोहर लोहिया संस्थान से आए डॉ. गौरव गुप्ता ने कीमोथेरेपी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस विधि से मरीज रोग मुक्त रह सकता है। इस अवसर पर राम मनोहर लोहिया संस्थान के प्राचार्य डॉ. नुजहत हुसैन ने फेफड़े के कैंसर के बारे में विस्तार से चर्चा की। अपोलो मेडिक्स अस्पताल, लखनऊ से आए डॉ. कुमार नरवेश ने भी सीटी औ पीईटी स्कैन के महत्व के बारे में जानकारी दी।