नई दिल्ली। क्या आप धूम्रपान करते हैं या धूम्रपान के दौरान आपको खांसी आती है तो आपको टीबी का टेस्ट कराना चाहिए। तंबाकू के इस्तेमाल और धूम्रपान करने वालों के आसपास रहने वाले लोगों में टीबी का खतरा बढ़ जाता है।
धूम्रपान करने वाले लोग सोचते है कि खांसी उन्हें धूम्रपान की वजह से हो रही है। एक अभियान के जरिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वह डॉक्टर से मिलकर यह पक्का करें कि लगातार होने वाली खांसी कहीं टीबी का संकेत तो नहीं है।
साल 2017 में पहली बार विश्व तंबाकू दिवस पर कफ अभियान लांच किया गया था, तब दुनिया में भारत पहला ऐसा देश था जो राष्ट्रीय स्तर पर तंबाकू नियंत्रित करने का अभियान चला रहा था।
साल 2016 में टीबी से 432,000 भारतीयों की मृत्यु हुई थी। कफ अभियान को इस तरह डिजाइन किया गया है जिससे टीबी उन्मूलन में मदद मिलें, लोगों को धूम्रपान छोडऩे के लिए प्रोत्साहित हो और समय पर टीबी की पहचान व इलाज हो। इसे वाइटल स्ट्रेटजी के तकनीकी सहायता की मदद से विकसित व कार्यान्वित किया गया था।
वाइटल स्ट्रेटजी के प्रेजिडेंट व चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर जोस ल्युस केस्ट्रो ने कहा, भारत में ज्यादातर टीबी से होने वाली मृत्यु आर्थिक उत्पादकता वाले युवा वयस्कों की होती है। यह 30 से 69 साल की उम्र के लोगों में होने वाली मृत्यु के शीर्ष पांच कारणों में एक है। भारत में तंबाकू महामारी की तरह इसके बोझ को बढ़ा रहा है।