लखनऊ। जन्मजात कटे होठ या कटा तालू बच्चे के साथ ही परिवार की मुस्कुराहट को छीन लेता था, मगर अब ऐसा नहीं है। ऐसे पीडि़त बच्चों का फ्री में इलाज संभव है। अमेरिकी संस्था स्माइल ट्रेन बच्चों और अभिभावकों के चेहरे पर मुस्कान लाने का बीड़ा उठाया है। यहां उत्तर प्रदेश में 18 साल में करीब 1.50 लाख बच्चों का विशेषज्ञ सर्जन द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया गया है।
इस ऑपरेशन में संस्था के साथ प्रदेश भर में करीब 19 पार्टनर अस्पतालों का सहयोग है। उक्त बातें स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट की कंट्री डाइरेक्टर डॉ. रेनू मेहता ने गोमती नगर स्थित हेल्थ सिटी अस्पताल में 5 अक्टूबर को स्माइल डे के अवसर पर कही।
40 बच्चों का रजिस्ट्रेशन
उन्होंने कहा कि भारत में हर साल करीब 35 हजार बच्चे विकृत पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था ऐसे काम के लिए 82 देशों में तेजी से काम कर रही है। कटे होठ या कटा तालू से परेशान बच्चों को अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। पीडि़त बच्चों का ऑपरेशन नजदीकी अस्पताल में कराया जा सकता है। कार्यक्रम में करीब 40 बच्चों का रजिस्ट्रेशन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के डाइरेक्टर व वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन वैभव खन्ना ने स्माइल-डे के इतिहास से मौजूद लोगों को रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि अक्टूबर के पहले शुक्रवार को यह दिवस मनाया जाता है जो कि 1999 से शुरू किया गया है। यह संस्था मुस्कान लाने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस बेहतर अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
मुस्कुराना तो सबको पसंद है
वहीं कार्यक्रम में शामिल मुख्य अतिथि एडीशनल चीफ सेक्रेटरी एण्ड डायरेक्टर जनरल डिपार्टमेंट ऑफ टूरिज्म अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि मुस्कुराना तो सबको पसंद है। लेकिन जब कटे होंठ और कटे तालू के साथ बच्चों को परेशानी होती है। यह स्माइल ट्रेन बच्चों को शर्मिंदा नहीं होने देगी, क्योंकि यह संस्था मुस्कान लाने का काम कर रही है। समारोह में पहले से ऑपरेशन किये गये बच्चे व उनके माता-पिता भी उपस्थित थे।
डॉक्टर हैं बधाई के पात्र
विशिष्ट अतिथि मेंबर ऑफ पार्लियामेंट श्रावस्ती के दद्दन मिश्र ने कहा कि जागरूक करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कटे होंठ और तालू के साथ पैदा हुए बच्चों को लोग अभिषाप मानते हैं, यह बिल्कुल गलत है। यह संस्था अपने उद्देश्यों को लगातार पूरी कर रही है। उन्होंने कहा कि श्रावस्ती में भी कुछ ऐसे ही मामले सामने आए हैं।
एक बार अवश्य ऐसे कार्यक्रम का आयोजन बलरामपुर जिले में भी कर बच्चों और उनके परिजनों के चेहरे पर मुस्कान लाया जाए। इस पुनीत कार्य को करने के लिए डॉक्टर बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों के माता-पिता को बताना यह जरूरी है कि वे अपने बच्चे की सर्जरी करायें।
बच्चों ने निकाली साइकिल रैली
इस दौरान मुस्कान के साथ ठीक हो चुके बच्चों ने साइकिल रैली निकाली। इसके अतिरिक्त अस्पताल परिसर में रंगबिरंगे गुब्बारे उड़ाकर सभी के जीवन में मुस्कान भरने का संदेश दिया गया। मंच का संचालन प्लास्टिक सर्जन डॉ. आदर्श कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसी धारणा है कि ग्रहण के समय गर्भवती स्त्री के बाहर निकलने के कारण ही शिशु के होठ और तालू कटे हुए होते हैं, यह कहीं से भी सही नहीं है, अभी रिसर्च में यह जानने की कोशिश की जा रही है कि ऐसा क्यों होता है।
समारोह में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की उपमहाप्रबंधक रेशमा मिश्र ने भी अपने विचार दिये। वहीं कार्यक्रम में अस्पताल के अधीक्षक डॉ केके सिंह ने भी अपने विचार दिए। कार्यक्रम में सामाजिक कार्य करने वालों का भी सभी अतिथियों ने शील्ड देकर सम्मान किया गया।