नई दिल्ली। फेसबुक एनालिटिक्स के निदेशक डैन जिगमोंड ने कहा कि प्रतिदिन 15 घंटे के उपवास ने उनकी जिंदगी बदल दी और इसके जरिए उन्होंने एक साल में 15 किलो वजन कम किया।
डैन जिगमोंड का कहना है कि उपवास स्वास्थ्य लाभ की अनूठी प्रक्रिया है। उपवास से पाचनतंत्र दुरुस्त रहता है, जिससे शरीर में उपस्थित विषाक्त पदार्थों का निष्कासन आसानी से हो जाता है।
हर सप्ताह उपवास रखने से कोलेस्ट्राल की मात्रा घटने लगती है जो धमनियों के लिए लाभदायक है। जो लोग सप्ताह या पंद्रह दिन में एक बार उपवास करते हैं, उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमताअधिक होती है।
मोटापा कम होगा
निराहार रहने से शरीर में जमा वसा और स्टार्च पच जाती है। इससे वसायुक्त कोशिकाएं पिछलने लगती हैं जिससे मोटपा कम होता है।
पाचन शक्ति बढ़ेगी
उपवास करने से आंतों को पूरी तरह आराम मिलता है। इसे कारण चयपचय (मेटाबॉलिज्म) की क्रिया अधिक कुशलता से काम करती है और पाचन शक्ति बढ़ जाती है।
दिल दुरुस्त रहेगा
कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा होने से शरीर में ट्राइग्लिसेराइड बढऩे लगता है जिससे हृदय संबंदी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उपवास करने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है और हृदय स्वस्थ रहता है।
विषाक्त पदार्थ बाहर निकलेंगे
इसमें शरीर अपनी सफाई करता है। उपवास करने से शरीर में उत्पन्न होने वाले विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन), पेशाब एवं पसीने के रूप में बाहर निकल जाते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी
उपवास करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है और शरीर के सबी अवयवों में ऊर्जा का संचार होने लगता है।
सावधानियां भी जरूरी
यदि आप शारीरिक रूप से कमजोर या कोई गंबीर बीमारी है तो उपवास करने से बचें।
गर्भवती महिलाओं को उपवास से बचना चाहिए क्योंकि इसका असर होने वाले नवजात शिशु पर पड़ सकता है।
शारीरिक क्षमता से अधिक उपवास नहीं करना चाहिए। शरीर को अत्यधिक कष्ट देकर उपवास करना हानिकारक हो सकता है।
उपवास के पश्चात हल्का भोजन करें। भूखे रहने के बाद अधिक भोजन करने से लाभ के बजाय शरीर को नुकसान पहुंच सकता है।
उपवास के दौरान खूब पानी पीना चाहिए। ऊर्जा के लिए पानी में नीबू और शहद मिला कर पिएं।