लखनऊ। अपनी मांगों को लेकर पीजीआई कर्मचारियों में रोष इतना है कि हड़ताल 28 जनवरी को होकर रहेगी। मान-मनौव्वल का दौर खत्म हो गया है। कर्मचारी दो सूत्री मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार पर अड़े हुए हैं। वहीं हड़ताल की वजह से संस्थान प्रशासन चिकित्सा सेवायें प्रभावित न होने को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है। अभी पीजीआई में एस्मा लगा है, इसके तहत कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
कर्मचारी महासंघ ने कहा
28 जनवरी को होने वाले कार्य बहिष्कार के बारे में संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार मिश्र, महामंत्री राम कुमार सिन्हा के साथ ही नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि हम लोग मांगें पूरी होने तक कार्य बहिष्कार के अपने निर्णय पर डटे हुए हैं। 28 जनवरी को सुबह 8 बजे से संस्थान प्लाजा पर सभी कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार शुरू हो जायेगा।
यह है मांग
इन लोगों ने बताया कि संस्थान के निदेशक द्वारा कर्मचारी महासंघ को लिखे गये पत्र, जिसमें कार्य बहिष्कार को टालने की बात कही गयी थी, पर विचार करने के लिए आज महासंघ के नेताओं की बैठक बुलायी गयी थी जिसमें सभी का एक स्वर से यह कहना था कि अब मांगों से सम्बन्धित शासनादेश होने से कम कुछ भी मान्य नहीं हैं। हम कोई वार्ता नहीं करना चाहते हैं। गुरुवार को संस्थान के निदेशक प्रो राकेश कपूर ने भी कर्मचारियों से बात करते हुए कार्य बहिष्कार वापसी की अपील के साथ चिकित्सा शिक्षा मंत्री से वार्ता की बात कही थी लेकिन कर्मचारी नेताओं ने इसे भी ठुकरा दिया। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि हमारी दो सूत्री मांगें हैं कि सातवें वेतनमान के अनुसार भत्तों का भुगतान के साथ ही इसका एरियर एकमुश्त हमारे बैंक खाते में चला जाये तथा दूसरी मांग विनियमावली में संशोधन किया जाये।