लखनऊ। अब राजधानी के महिला अस्पतालों में नवजात के साथ महिलाओं को दौड़भाग नहीं करनी होगी। मंगलवार से टीकाकरण सत्रों में रोटा वायरस और मिजिल्स रूबेला को नि:शुल्क शुरू किया गया है। महिलाओं को इसकी सुविधा अस्पतालों में ही मिलेगी। यह टीकाकरण स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की ओर से सभी सरकारी महिला अस्पतालों को पहले से ही निर्देश दिए जा चुके थे।
नियमित रूप से होगा टीकाकरण
राजधानी के डफरिन अस्पताल के बाल रोग विभाग में 15 सितंबर से वहीं झलकारी बाई अस्पताल में सितंबर महीनें के अंत में इन दोंनो टीकाकरणों को शुरू किया गया है। अब दोनों ही टीकाकरण दोनों अस्पतालों में नियमित रूप से लगाए जाएंगे। झलकारी बाई अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सुधा वर्मा ने बताया कि मिजिल्स रूबेला और रोटावायरस के टीकाकरणों की शुरूआत जल्दी होनी थी पर कुछ कारणों से अस्पताल में इन दोंनो टीकाकरणों को रुक के शुरू किया जा पाया है पर अब नियमित तौर पर मरीजों को सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
डॉ. सलमान खान ने कही ये जरूरी बात
डफरिन अस्पताल के बाल रोग विभाग के विशेषज्ञ डॉ. सलमान खान ने बताया कि डायरिया के मुख्य कारणों में रोटा वायरस से संबधित 50 प्रतिशत केस होते हैं। पिछले 25 सालों से प्राइवेट क्षेत्र में इसका टीकाकरण किया जा रहा है। वहीं सरकारी अस्पताल ओआरएस और जिंक ऑक्साइड पर निर्भर हैं। अस्पताल में शुरू होने से महिलाओं को लाभ मिलेगा।
वहीं अस्पतालों में लगने वाले मिजिल्स के टीकाकरण को मिजिल्स रूबेला वैक्सीन से बदल दिया गया है। उन्होंने बताया कि रूबेला वायरस महिलाओं में अगर पाया गया तो उन्हे गर्भधारण करने में दिक्कत हो सकती है वहीं प्रसूताओं में इस वायरस के हाने से उनकी संतान मानसिक और शारीरिक तौर पर विक्षिप्त हो सकती है। रोटावायरस को तीन डोज और मिजिल्स रूबेला की दो डोज से नवजात निरोग रहेंगे।