लखनऊ। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ मारपीट के बाद प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर पर हुए जानलेवा हमले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राजधानी में विरोध के बीच ही केजीएमयू और पीजीआई के रेजिडेंट डॉक्टरों ने तय किया है कि वह 17 जून से हड़ताल करेंगे। इससे सोमवार को मरीजों को इलाज में दुश्वारियों का सामना करना पड़ सकता है।
… तो हड़ताल नहीं टाली जाएगी
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) का कहना है कि यदि पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार रात तक दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की तो हड़ताल टाली नहीं जाएगी। अपनी हड़ताल के बीच रेजिडेंट इमरजेंसी और आईसीयू सेवा को प्रभावित नहीं करेंगे। तब तक रेजिडेंट काला फीता बांधकर काम करते हुए विरोध जताते रहेंगे।
केजीएमयू आरडीए के अध्यक्ष डॉ. उमेश त्रिपाठी, महामंत्री डॉ. नयानी अमरिन, उपाध्यक्ष डॉ. राहुल भरत, डॉ. दुर्गेश पुष्कर, डॉ. आरिफ हुसैन की अगुवाई में शनिवार को आम सभा हुई। इसमें सभी रजिडेंट्स की सहमति पर सोमवार से केजीएमयू में हड़ताल का निर्णय लिया गया।